छात्रवृत्ति से दें अपने ...
अगर आप भी पढ़-लिख कर अपने सपनों को साकार करना ...
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सुनीता की शादी 14 साल की उम्र में हो गयी थी। फिर 16 साल की उम्र में बेटी हो गयी। कच्ची उम्र में ही घर की जिम्मेदारियों, बच्चों का बोझ ...
Read more →बाल विवाह के खिलाफ परिवार की समझ एक हो जाए तो गांव-समाज के ताने और दबाव आसानी से हार जाते हैं। अनपढ़ उर्मिला देवी की पांच बेटियों को इसी तरह की ...
Read more →संजना ने खुद को सबल बेटी के रूप में स्थापित किया ही, साथ ही अपने परिवार के लिए मजबूत मददगार भी साबित हुई। निराशा को दरकिनार करके संजना ने लगातार ...
Read more →बलरामपुर के नयानगर गांव की अर्चना की अपना विवाह रोकने की जिद जब पिता से न जीत पाई तो उसने बिना देर किए पड़ोस के दादाजी यानी कन्हैया लाल वर्मा ...
Read more →बृजरानी की पढ़ाई आठवीं के बाद रुकने वाली थी और उसका बाल विवाह भी हो ही जाता अगर उसकी दोस्त गुंजन त्रिपाठी और उसकी सहेलियों ने मिलकर बृजरानी की हर ...
Read more →निशा की उम्र महज चौदह साल है। वह सही मायने में बच्ची ही है। लेकिन इस बच्ची ने ऐसा काम कर दिखाया कि आज उसका स्कूल, उसका गांव और उसकी ...
Read more →लक्ष्मी मजबूर थीं और बचपन में अपने खुद के ब्याह को रोक नहीं पाईं। लेकिन जब आंखें खुलीं तो पता चला कि बहुत कुछ खो गया। फिर वे महिला समाख्या ...
Read more →नवीं में पढ़ रही प्रीति ने जब माता-पिता से अपना बाल विवाह न करने की बात कही तो उन्होंने बात मानने से इनकार कर दिया। लेकिन स्कूल में हुई चर्चा ...
Read more →प्रीती आज जब बोलती है कि “हमारी शादी भी रुक गयी और हम बीए की पढ़ाई भी कर रही हैं”, तो उसके चेहरे की खुशी देखते ही बनती है। प्रीती ...
Read more →बलरामपुर जिले के अचलपुर चौधरी गांव की निवासी मालती बताती हैं कि एक जमाना था जब उनका बस एक ही सपना था। बस, किसी तरह दोनों बच्चों का दाखिला स्कूल ...
Read more →अगर आप भी पढ़-लिख कर अपने सपनों को साकार करना ...
In a empowering session of the Amar Ujala Foundation's initiative, ...
On World Blood Donor Day, Amar Ujala Foundation, in collaboration ...