बाल फिल्म महोत्सव
अमर उजाला फाउंडेशन (ए.यू.एफ.), बाल चित्र समिति, भारत (सी.एफ.एस.आई.) के संयुक्त तत्वावधान में अमर उजाला के प्रसार वाले सात संस्करणों: मेरठ, कानपुर, लखनऊ, वाराणसी, आगरा, नैनीताल और देहरादून में ‘बाल फिल्म महोत्सव’ का आयोजन किया जा रहा है। प्रत्येक संस्करण में सौ से अधिक स्कूलों और पचास से अधिक गांवों में दिखाई जाएंगी फ़िल्में। ‘बाल फिल्म महोत्सव’ का आगाज बाल दिवस के उपलक्ष्य में 14 नवम्बर, 2018 से किया गया। यह सिलसिला आगामी महीनों में भी जारी रहेगा। फिलहाल इसकी शुरुआत वाराणसी, मिर्जापुर, मेरठ, बागपत और झांसी जिले से की जा रही है।
‘बाल फिल्म महोत्सव’ के माध्यम से सुदूर ग्रामीण अंचल के बच्चों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त बेहतरीन फ़िल्में दिखाई जा रही है। हेडा होडा, कभी पास कभी फेल, करामाती कोट, मल्ली, कुत्ते की कहानी, छू लेंगे आकाश, ये है छक्कड़ बक्कड़ बम्बे बो, छोटा सिपाही, अभय, एक अजूबा, महक मिर्जा, चरण दास चोर और हंगामा बाम्बे इस्टाइल जैसी मिल्में शामिल हैं।
हर फिल्म अपनी कहानी से बच्चों के मन में एक गहरी पैठ बनाती हैं और बेहतरीन सीख भी देती है। कथानक की बात की जाए तो किसी फिल्म में देशभक्ति है, तो किसी में किरदार अपने चरित्र से बच्चों के मन में बेस भूत-प्रेतों के डर को भगाता है। किसी में दादी अपने अनुभवों की घुट्टी पिलाती नज़र आती है, तो कोई फिल्म अपने नन्हे सिपाही के किरदार से सबका मन मोह लेती है। कहीं रिश्तों का ताना-बाना है, तो कहीं करामाती कोट की कहानी। बाल चित्र समिति, भारत की हर फिल्म हंसाते-हंसाते बच्चों को कुछ नया करने और बेहतर शिक्षा प्रदान करती हैं।