00 पड़ोसी दादाजी की मदद से रुकवाई शादी, बीटीसी कर रही है अर्चना | स्मार्ट बेटियां

बलरामपुर के नयानगर गांव की अर्चना की अपना विवाह रोकने की जिद जब पिता से न जीत पाई तो उसने बिना देर किए पड़ोस के दादाजी यानी कन्हैया लाल वर्मा की मदद लेने की जुगत बिठाई। दादाजी ने आकर अर्चना के पिता राजेन्द्र प्रसाद वर्मा से लंबी बात की और कामयाब हुए। संयुक्त परिवार की बेटी की बात तो मां के अलावा किसी को समझ में न आई पर पड़ोसी बुजुर्ग की समझाइश अर्चना के सपनों में रंग भरने के काम आ गई। अर्चना अब बीटीसी की पढ़ाई कर रही है।  

इंटर में पढ़ रही अर्चना के विवाह के लिए पिता राजेन्द्र वर्मा ने तैयारी शुरू कर दी थी। अपनी मां को किसी तरह से राजी करने में कामयाब हुई अर्चना की अपील पिता की अदालत में जाकर गिर गई। मां-पिता, चाचा-चाची और दादा-दादी वाले संयुक्त परिवार में अर्चना की आवाज दब गई। लेकिन धुन की पक्की अर्चना ने पड़ोसी बुजुर्ग की मदद ली और अपनी शादी रुकवाने में सफल रही।

स्मार्ट बेटियां अभियान से जुड़ी इंटरनेट साथी नीलम वर्मा ने अर्चना और मददगार पड़ोसी कन्हैया लाल वर्मा जी से बात की और उसकी वीडियो स्टोरी बनाकर अमर उजाला से साझा की।

अमर उजाला फाउंडेशन, यूनिसेफ, फ्रेंड, फिया फाउंडेशन और जे.एम.सी. के साझा  अभियान स्मार्ट बेटियां के तहत श्रावस्ती और बलरामपुर जिले की 150 किशोरियों-लड़कियों को अपने मोबाइल फोन से बाल विवाह के खिलाफ काम करने वालों की ऐसी ही सच्ची और प्रेरक कहानियां बनाने का संक्षिप्त प्रशिक्षण दिया गया है। इन स्मार्ट बेटियों की भेजी कहानियों को ही हम यहां आपके सामने पेश कर रहे हैं।

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