00 खुद आगे बढ़ी और घर की मददगार बनी संजना | स्मार्ट बेटियां

संजना ने खुद को सबल बेटी के रूप में स्थापित किया ही, साथ ही अपने परिवार के लिए मजबूत मददगार भी साबित हुई। निराशा को दरकिनार करके संजना ने लगातार अपने हालात को बदलने का संघर्ष किया है और आज वह बीटीसी करने की तैयारी करते हुए अपने छोटे भाई और बहन को बेहतर शिक्षा दिला रही है। एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाकर अपने परिवार की मददगार बेटी बन आगे बढ़ रही है।

बलरामपुर के रेहरा बाजार ब्लॉक के नवाकोल गांव की संजना के परिवार के आर्थिक हालात ऐसे नहीं थे कि इंटर के बाद भी उसकी पढ़ाई जारी रह पाती। लेकिन जिद की पक्की संजना ने एनटीटी का कोर्स किया और एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाते हुए अपने छोटे भाई और बहन की शिक्षा जारी रखने के लिए संसाधन भी जुटाए। बीटीसी करके वह सरकारी स्कूल में पढ़ाना चाहती है और इसके लिए तैयारी भी कर रही है। भाई-बहन को भी वह बेहतर शिक्षा दिलवा कर इतना आगे बढ़ाना चाहती है कि वे भी अच्छी नौकरी पा सकें और सब मिलकर परिवार का नाम रौशन कर सकें।

स्मार्ट बेटियां अभियान से जुड़ी इंटरनेट साथी गरिमा सिंह ने संजना से विस्तार से बात करके यह वीडियो कथा बनाकर अमर उजाला को भेजी है।
अमर उजाला फाउंडेशन, यूनिसेफ, फ्रेंड, फिया फाउंडेशन और जे.एम.सी. के साझा  अभियान स्मार्ट बेटियां के तहत श्रावस्ती और बलरामपुर जिले की 150 किशोरियों-लड़कियों को अपने मोबाइल फोन से बाल विवाह के खिलाफ काम करने वालों की ऐसी ही सच्ची और प्रेरक कहानियां बनाने का संक्षिप्त प्रशिक्षण दिया गया है। इन स्मार्ट बेटियों की भेजी कहानियों को ही हम यहां आपके सामने पेश कर रहे हैं।
 

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