छात्रवृत्ति से दें अपने ...
अगर आप भी पढ़-लिख कर अपने सपनों को साकार करना ...
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सर्वजीत ने बाल विवाह और अशिक्षा का कहर अपनी आंखों से अपनी बहन के जीवन पर टूटते देखा। बहन का हश्र देखकर वे इतना सहम गए कि उन्होंने अपनी बेटी ...
Read more →शिक्षामित्र अध्यापक संतराम वर्मा ने अपने गांव और कर्मक्षेत्र में समाज के बीच लगातार संवाद करके बाल विवाह के खिलाफ माहौल बनाया और धीरे धीरे लोगों का मन बदलने में ...
Read more →घर की बड़ी बेटी की शादी मात्र 16 साल की उम्र में ही हो गयी थी और इस बाल विवाह को बड़ा भाई बंशीलाल रोक नहीं पाया था। इसका गहरा ...
Read more →पूरे आत्मविश्वास के साथ अंकिता मिश्रा आज कहती है कि अच्छी पढ़ाई करके वह सेना में जाना चाहती हूँ। “मां की मदद और पिताजी की रजामंदी से मैं आज बी.एस.सी. ...
Read more →विश्व मधुमेह दिवस पर बुधवार, 14 नवम्बर को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम), वर्ल्ड डायबिटीज फाउंडेशन और अमर उजाला फाउंडेशन के सहयोग से ‘ग्लोबल डायबिटीज वॉक’ का आयोजन किया गया। उद्घाटन ...
Read more →छह बच्चियों के पिता की टीस थी कि खानदान चलाने को बेटा नहीं है। वे बीमार भी रहते थे। डर था कि उसे कुछ हो गया तो कौन बेटियों के ...
Read more →बेटी को बोझ मानने की मानसिकता के चलते न तो बेटी के शारीरिक स्वास्थ्य की चिंता की जाती है और न ही मानसिक स्वास्थ्य की। इसी मानसिकता का शिकार हो ...
Read more →सात बेटों और दो बेटिओं के पिता लालमणि विश्वकर्मा ने अपनी बड़ी बेटी की शादी 18 साल की उम्र में ही की थी। लेकिन उसे भी अपनी दसवीं की पढ़ाई ...
Read more →गांव वालों के तानों और घर वालों के शुरुआती विरोध के बावजूद सरिता ने अपना बाल विवाह रुकवा लिया और पढ़ाई रुकने न दी। बी.ए. अंतिम वर्ष में पढ़ रही ...
Read more →गांव में माहौल ठीक न होने के तर्क की ढाल के सहारे लखाईखास गांव में भी बेटियों की शादी 13-16 साल में कर दी जाती रही है। बड़ी बहन की ...
Read more →अगर आप भी पढ़-लिख कर अपने सपनों को साकार करना ...
In a empowering session of the Amar Ujala Foundation's initiative, ...
On World Blood Donor Day, Amar Ujala Foundation, in collaboration ...