शिक्षामित्र अध्यापक संतराम वर्मा ने अपने गांव और कर्मक्षेत्र में समाज के बीच लगातार संवाद करके बाल विवाह के खिलाफ माहौल बनाया और धीरे धीरे लोगों का मन बदलने में सफलता हासिल की है। आज वह खुशी के साथ यह कह पाते हैं जहाँ वे पढ़ाते हैं उस अपने गांव परसोहना (जिला श्रावस्ती) में अभिभावकों को बाल विवाह के खतरों से आगाह करने में उन्होंने खासी सफलता पाई है।
शिक्षक होने के नाते समाज में काफी लोगों से संवाद होने की सुविधा का पूरा लाभ लेते हैं संतराम। उनकी बात को गांव के लोगों ने भी ठीक तरह से समझा और अपनी बेटियों के बाल विवाह से धीरे धीरे परहेज करना शुरू किया।
स्मार्ट बेटियां अभियान से जुड़ी इंटरनेट साथी दीप्ति श्रीवास्तव ने यह वीडियो कथा बनाकर अमर उजाला को भेजी है।
अमर उजाला फाउंडेशन, यूनिसेफ, फ्रेंड, फिया फाउंडेशन और जे.एम.सी. के साझा अभियान स्मार्ट बेटियां के तहत श्रावस्ती और बलरामपुर जिले की 150 किशोरियों-लड़कियों को अपने मोबाइल फोन से बाल विवाह के खिलाफ काम करने वालों की ऐसी ही सच्ची और प्रेरक कहानियां बनाने का संक्षिप्त प्रशिक्षण दिया गया है। इन स्मार्ट बेटियों की भेजी कहानियों को ही हम यहां आपके सामने पेश कर रहे हैं।