छात्रवृत्ति से दें अपने ...
अगर आप भी पढ़-लिख कर अपने सपनों को साकार करना ...
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छह बच्चियों के पिता की टीस थी कि खानदान चलाने को बेटा नहीं है। वे बीमार भी रहते थे। डर था कि उसे कुछ हो गया तो कौन बेटियों के ...
Read more →बेटी को बोझ मानने की मानसिकता के चलते न तो बेटी के शारीरिक स्वास्थ्य की चिंता की जाती है और न ही मानसिक स्वास्थ्य की। इसी मानसिकता का शिकार हो ...
Read more →सात बेटों और दो बेटिओं के पिता लालमणि विश्वकर्मा ने अपनी बड़ी बेटी की शादी 18 साल की उम्र में ही की थी। लेकिन उसे भी अपनी दसवीं की पढ़ाई ...
Read more →गांव वालों के तानों और घर वालों के शुरुआती विरोध के बावजूद सरिता ने अपना बाल विवाह रुकवा लिया और पढ़ाई रुकने न दी। बी.ए. अंतिम वर्ष में पढ़ रही ...
Read more →गांव में माहौल ठीक न होने के तर्क की ढाल के सहारे लखाईखास गांव में भी बेटियों की शादी 13-16 साल में कर दी जाती रही है। बड़ी बहन की ...
Read more →बेटियों के तर्क आसनी से माता-पिता के गले नहीं उतरते। और अगर बात बाल विवाह रोकने की हो, तब को यह जिद और कड़ी हो जाती है। अपने माता-पिता की ...
Read more →अमर उजाला फाउंडेशन की ओर से मंगलवार, 30 अक्टूबर, 2018 को ग्रेटर नोएडा के सिग्मा वन स्थित होली पब्लिक स्कूल में पुलिस की पाठशाला का आयोजन किया गयाl पाठशाला में ...
Read more →28 सितम्बर, 2018 को अमर उजाला फाउंडेशन की ओर से मेरठ के पंजाब लाइन्स स्थित केन्द्रीय विद्यालय में आयोजित पुलिस की पाठशाला में यातायात पुलिस अधीक्षक संजीव वाजपेयी ने छात्र-छात्राओं ...
Read more →वकील लखाई खास गांव की खासियत भी यही है कि यहां की लड़कियों की शादी 16-17 तक कर दी जाती है। सामाजिक दबाव और आर्थिक मजबूरियों ने रोली मिश्रा को ...
Read more →घर की सबसे छोटी संतान संजना के अलावा उसकी तीनों बहनों और चारों भाइयों की शादी हो चुकी है। मात्र 14 साल की संजना के लिए भी पिता एक अच्छा ...
Read more →अगर आप भी पढ़-लिख कर अपने सपनों को साकार करना ...
In a empowering session of the Amar Ujala Foundation's initiative, ...
On World Blood Donor Day, Amar Ujala Foundation, in collaboration ...