छात्रवृत्ति से दें अपने ...
अगर आप भी पढ़-लिख कर अपने सपनों को साकार करना ...
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चार बहनों और एक भाई वाले परिवार की बेटी सन्नू अपने संकोची स्वभाव के बावजूद मां से इस बात की जिद ठान सकी कि उसकी पढ़ाई रोककर 15 साल की ...
Read more →घर की तमाम मजबूरियों के नाम पर मां ने मंजू देवी की शादी उनके बचपन में ही कर दी थी। अपने बाल विवाह से जूझकर आगे बढ़ी मंजू देवी ने ...
Read more →अनपढ़ चंपा देवी की समझदारी और हिम्मत बहुतेरे पढ़े-लिखों से बेहतर है। बेहद कठिन हालात के बावजूद वह अपनी बेटी का विवाह 18 साल की उम्र होने के बाद ही ...
Read more →भुच्च देहात में रहने वाला एक साधारण किसान ही जानता है कि बेटी को उच्च शिक्षा हासिल करते देख कितनी शांति मिलती है। श्रावस्ती के किसान रामनरेश यादव कहने को ...
Read more →वह एक सामान्य किसान हैं। दौलत-विरासत है नहीं, बस किसी तरह गुजर हो जाती है। घर में दो बेटियों के अलावा एक बेटा है। बेटी सोलह साल की है और ...
Read more →अपनी मां के ये शब्द पुष्पा के कानों में अब भी गूंजते हैं। उसे याद है कुछ माह पहले जब वह स्कूल से घर लौटी थी तो घर में उसकी ...
Read more →पढ़ने-लिखने से हमेशा दूर रहे राधेश्याम जानते हैं कि जीवन में शिक्षा का क्या मोल है। इसलिए गरीबी की तमाम चुनौतियों को झेलने के बावजूद उनका संकल्प है कि वे ...
Read more →राकेश मिश्रा किसान हैं और चार बेटियों व दो बेटों के पिता हैं। उनकी उपलब्धि यह है कि उन्होंने बेटियों को बेटों से बराबर तालीम दी है। वह कहते हैँ ...
Read more →सरस्वती देवी की कहानी एक आम ग्रामीण भारतीय परिवार की कहानी जैसी ही है। कम उम्र में शादी। एक के बाद एक बच्चे पैदा होना। किसी विपदा के बाद घर ...
Read more →दादा-दादी, मां-पिता और दो भाइयों वाले परिवार की सदस्या शिवानी अभी 13-14 साल की ही थी कि घर में उसकी शादी की चर्चा गरमाने लगी। यही चलन था उसके गांव ...
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In a empowering session of the Amar Ujala Foundation's initiative, ...
On World Blood Donor Day, Amar Ujala Foundation, in collaboration ...