00 स्मार्ट बेटियां | मंजू ने बच्चों को बाल विवाह के दंश से आजाद रखा

घर की तमाम मजबूरियों के नाम पर मां ने मंजू देवी की शादी उनके बचपन में ही कर दी थी। अपने बाल विवाह से जूझकर आगे बढ़ी मंजू देवी ने अपने बच्चों को ऐसी दिक्कतों से बचा कर रखने का प्रण किया और उसे निभाया भी।

बलरामपुर के रानीजोत गांव की मंजू देवी के पिता के न रहने के बाद उनकी मां ने पारिवारिक मजबूरियों का हवाला देकर मंजू की शादी बचपन में ही कर दी थी। तमाम दिक्कतों को झेलते हुए आगे बढ़ी जिंदगी मंजू देवी की। कम उम्र में बच्चे होने की अनेक समस्याओं से जूझना पड़ा मंजू उनको। शारीरिक बीमारियों और मानसिक उलझनों के दौर आते रहे।

इन दिक्कतों ने मंजू के मन में यह संकल्प एकदम पक्का कर दिया कि उनके बच्चों की शादी बचपन में नहीं होगी। बेटे और बेटी में कोई भी भेद किये बिना उन्होंने दोनों को एकसमान तरीके से पाला-पोसा और उनकी पढ़ाई की व्यवस्था भी की। बच्चों की खुशी और खुशहाली को ही उन्होंने अपनी खुशी माना और जिया।

स्मार्ट बेटियां अभियान से जुड़ी इंटरनेट साथी श्वेता तिवारी ने यह वीडियो कथा बनाकर अमर उजाला को भेजी है।

अमर उजाला फाउंडेशन, यूनिसेफ, फ्रेंड, फिया फाउंडेशन और जे.एम.सी. के साझा  अभियान स्मार्ट बेटियां के तहत श्रावस्ती और बलरामपुर जिले की 150 किशोरियों-लड़कियों को अपने मोबाइल फोन से बाल विवाह के खिलाफ काम करने वालों की ऐसी ही सच्ची और प्रेरक कहानियां बनाने का संक्षिप्त प्रशिक्षण दिया गया है। इन स्मार्ट बेटियों की भेजी कहानियों को ही हम यहां आपके सामने पेश कर रहे हैं।

Share:

Related Articles:

0

Disclaimer

हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।