कानपुर के चमनगंज निवासी मो. वसीम ने चेहरे की खूबसूरती के बदले दिल की खूबसूरती पसंद की और देखते ही देखते सबके लिए मिसाल बन गए। वसीम ने गुरुवार, 15 दिसम्बर, 2016 को तेज़ाब हमले से पीड़ित ढकनापुरवा निवासी सबीना से इस्लामिक रीति-रिवाज से शादी की। सबीना ने वर्ष 2004 में महज 16 साल की उम्र में जिंदगी का सबसे बड़ा दर्द झेला था। उनके चेहरे और पूरे शरीर पर एक सिरफिरे ने तेजाब फेंक दिया था, सिर्फ इसलिए क्योंकि सबीना ने उससे शादी करने से इंकार किया था। उस हमले में सबीना की आंखें और बाल जल गए थे।
इस हमले ने सिर्फ सबीना की खूबसूरती ही नहीं जलाई, बल्कि जिंदगी के तमाम पहलुओं को भी बदसूरत कर दिया था। तब से लेकर आज तक सबीना की आठ बार सर्जरी हुई, लेकिन उसकी खूबसूरती न लौट पाई। इसके बावजूद वसीम ने सबीना के दिल को पढ़ा और उससे निकाह करने का फैसला लिया। गुरुवार को महिलाओं के हित के लिए काम करने वाली सामाजिक संस्था सखी केंद्र ने सबीना व वसीम की शादी कराई। वसीम कैटरिंग का काम करते हैं। उनकी पहले एक शादी हो चुकी है और पहली पत्नी से दो बच्चे भी हैं। वह बताते हैं कि उनकी पहली पत्नी खूबसूरत थी, लेकिन किसी दूसरे के लिए उसने अपनों को छोड़ दिया। सबीना को उनके बच्चे भी बेहद प्यार करते हैं और सबीना भी उनसे बेहद प्यार करती हैं। इसलिए उन्हें अपनी जिंदगी में सबीना से खूबसूरत लड़की शायद कभी नहीं मिल सकती थी।