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लोगों ने मर्म चिकित्सा को बताया वरदान

अमर उजाला फाउंडेशन और आरोग्यम फाउंडेशन की ओर से उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में आयोजित पांच दिनी मर्म चिकित्सा शिविर और योग महोत्सव के दूसरे दिन मर्म चिकित्सा के कई चमत्कार देखने को मिले। विश्वविख्यात मर्म चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. सुनील जोशी के नेतृत्व में चिकित्सकों ने कई मरीजों को उनकी सालों पुरानी बीमारी में आराम दिलाया। दस महीने से चलने-फिरने में लाचार एक युवक को 10 मिनट की मर्म चिकित्सा ने न केवल फिर से पैरों पर खड़ा कर दिया बल्कि उसके हाथ भी पूरी तरह काम करने लगे। छह महीने से एक युवक अपने दोनों हाथ नहीं उठा पा रहा था, उसके हाथ भी काम करने लगे।

78 वर्ष की एक आमा जो लाठी के सहारे के बगैर नहीं चल-फिर सकती थीं, जिनके दोनों घुटने बदलने की राय डाक्टरों ने दे दी थी, वह मर्म चिकित्सा के बाद 100 कदम बगैर लाठी के चलीं और शिविर से घर को भी बगैर लाठी के ही चल पड़ीं। हर मरीज मर्म चिकित्सा के बाद अपने को पहले से बेहतर पा रहा था। मर्म चिकित्सा के साथ-साथ विख्यात योगगुरु अवकाश प्राप्त आईएफएस कई देशों में भारतीय राजदूत रह चुके चंद्रमोहन भंडारी योग से होने वाले लाभ का प्रत्यक्ष दर्शन करा रहे हैं।

सोमवार को भी सुबह नौ बजे डॉ. जोशी के नेतृत्व में मर्म चिकित्सा शिविर का शुभारंभ हुआ। लोग आठ ही बजे से आयोजन स्थल सीतापुर नेत्र चिकित्सालय पहुंचने लगे थे। देखते ही देखते लोगों का हुजूम लगने लगा। आयोजकों को व्यवस्था बनाने में खासी मशक्कत करनी पड़ी। मर्म चिकित्सा मिलते ही मरीजों के चेहरे पर मुस्कान तैरने लगी। सुबह करीब 10:30 बजे घंटाकरण निवासी कृष्णानंद पंगरिया अपनी माता मोहनी पंगरिया (78) को शिविर में लेकर आए। आमा कई सालों से घुटने के दर्द से पीड़ित हैं। बगैर लाठी के सहारे के वह चल नहीं पाती हैं।

मर्म चिकित्सा के जानकार डॉ. मयंक जोशी ने 10 मिनट तक उनको मर्म चिकित्सा दी। उन्होंने राहत महसूस की तो डॉ. जोशी ने उन्हें बगैर लाठी के चलने को कहा। वह करीब 100 कदम बगैर किसी सहारे के चलीं। दोपहर में नगर के नया बाजार निवासी आलोक सामंत (39) को उनका एक साथी सहारा देकर शिविर में लाया। आलोक का दाहिना पैर और दोनों हाथ 10 महीने पहले हुए हृदयाघात से काम नहीं कर रहे थे। मर्म चिकित्सा के जानकार अतुल त्यागी के कुछ मिनट के इलाज के बाद आलोक अपने पैरों पर चलने लगे, उनके दोनों हाथ कंधे से ऊपर तक उठने लगे।

घंटाकरण निवासी नितिन (33) छह महीने से अपने दोनों हाथों को पूरी तरह से नहीं उठा पा रहे थे। मर्म चिकित्सा के बाद उनके हाथ भी सामान्य तरीके से काम करने लगे। इन लोगों ने कहा कि मर्म चिकित्सा शिविर उनके लिए वरदान साबित हुआ है। नितिन का तो कहना था कि वह इस विधा को सीखना चाहता है। गंभीर बीमारियों से जकड़े जिन लोगों ने पहले दिन इलाज कराया था, दूसरे दिन भी शिविर में पहुंचे उन लोगों ने लाभ होने की बात बताई। दूसरे दिन 200 से अधिक लोगों का इलाज किया गया।     

इससे पहले सुबह 6 बजे 8 बजे तक दो घंटे योगगुरु चंद्रमोहन भंडारी ने आंतरिक ऊर्जा को एकत्र कर शरीर को स्वस्थ रखने के कई सूत्र दिए। योगाभ्यास के साथ ही ध्यान कराया। उन्होंने कहा कि नित्य आधा घंटा सही तरीके से योग किया जाए तो शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता है। एक घंटा नित्य कोई योग कर ले तो सोने पर सुहागा हो जाएगा। योग शिविर संचालन में योगाचार्य चरत सिंह निर्वाण, अतुल त्यागी, देवेंद्र कुमार ने सहयोग दिया। अपरान्ह 3 से पांच बजे के द्वितीय सत्र में योगगुरु भंडारी ने यम, नियम के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए आधुनिक युग के एक बेहद प्रचलित बीमारी अवसाद (डिप्रेशन) से मुक्ति दिलाने में प्राणायाम और योग की अचूक विधियों के बारे में बताया।

रोगी को डॉक्टर बनाती है मर्म चिकित्सा : डॉ. मयंक      
मर्म चिकित्सा विशेषज्ञ मयंक जोशी ने बताया कि मर्म चिकित्सा शरीर के मर्म बिंदुओं पर दबाव देकर इलाज करने की एक पद्धति है। इस पद्धति की एक खासियत यह है कि इसमें रोगी भी चिकित्सक बन जाता है। यानी कि अपना इलाज करते-करते दूसरों को ज्ञान बांटने लगता है। जोशी कहते हैं कि मर्म चिकित्सा मानसिक स्तर सुधारने का भी काम करती है। केवल दर्द ही नहीं दि दवा के साथ मर्म चिकित्सा का लाभ लिया जाए तो त्वचा रोग भी इससे दूर किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि लोग तमाम तरह की बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं, ऐसे में मर्म चिकित्सा का ज्ञान अमृत का काम कर सकता है।       

आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. भगवती राघव, डॉ. हेमलता पायर मरीजों और उनके तीमारदारों को मर्म चिकित्सा कराने की विधि सिखा रही हैं। एनसीसी के कैडेट शिविर संचालन में लगातार सहयोग कर रहे हैं। 28 पंजाब रेजीमेंट की एकता शक्ति बटालियन और महादेव नीर के दिनेश कलपासी आदि का महत्वपूर्ण सहयाग मिल रहा है।       
            
चिकित्सा शिविर, योग महोत्सव में आज के कार्यक्रम                   
योगाभ्यास प्रथम सत्र- सुबह 6 बजे से 8 बजे तक (सभी के लिए खुला आमंत्रण)                   
मर्म चिकित्सा शिविर- सुबह 9 बजे से अपरान्ह 2 बजे तक       
व्याख्यान- सुबह 11 बजे से 1 बजे तक योग गुरु चंद्रमोहन भंडारी  केएनयू राजकीय इंटर कालेज में समग्र स्वास्थ्य प्रबंधन एवं व्यक्तित्व विकास विषय पर व्याख्यान देंगे।      
योगाभ्यास द्वितीय सत्र- अपरान्ह 3 से 5 बजे के सत्र में योग गुरु चंद्रमोहन भंडारी योग की बारीकियों से लोगों को रूबरू कराएंगे।

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