दिल्ली-आगरा हाईवे पर कोटवन बार्डर के निकट कोसीकलां थाना क्षेत्र में मंगलवार, 23 सितम्बर, 2014 को तड़के सुबह करीब 4:30 बजे हुए हादसे में 12 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई है। खराब खड़े कैंटर में पीछे से आए ट्राला ने टक्कर मार दी। इस हादसे में प्रेमनंद, साधना, नन्नेराम, दिनेश, संजू और उमेश गंभीर घायल हो गए। जिन्हें एस.एन. हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया। घटना में पीड़ितों का मददगार बना अमर उजाला फाउंडेशनl यहां अमर उजाला फाउंडेशन डोनर क्लब की मदद से पीड़ित लोगों को ब्लड मुहैया कराया गया। ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. हरेंद्र यादव ने 4 यूनिट रक्त उपलब्ध कराया।
एस.एन. हॉस्पिटल, आगरा में इलाज के दौरान एक ने दम तोड़ दिया। हादसे में आठ अन्य लोग घायल हुए हैं। इनमें से दो की हालत गंभीर है। फर्रुखाबाद, एटा और मैनपुरी के रहने वाले ये लोग होडल के रास्ते राजस्थान के हनुमानगढ़ में ईंट भट्टे पर मजदूरी करने जा रहे थे। घटना स्थल पर मौजूद स्थानीय लोगों ने बताया कि हादसे का शिकार कैंटर सोमवार और मंगलवार की मध्य रात्रि लगभग दो बजे कोटवन बॉर्डर के निकट से गुजर रहा था, तभी एक्सल में खराबी आ गई। चालक उमर व क्लीनर मकसूद कैंटर को सड़क किनारे खड़ी कर सही करने लगे। उस समय अधिकांश मजदूर कैंटर में सोे रहे थे। कुछ शौचालय जाने के लिए उतरने का प्रयास कर रहे थे, तभी पीछे से तेज गति से आए ट्राले ने कैंटर में टक्कर मार दी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसे के बाद मौके पर चीख पुकार मच गई। कई शव बुरी तरह से कुचल जाने के कारण क्षत विक्षत हो गए। मरने वालों में चालक-परिचालक के अलावा पिता-पुत्र व पति-पत्नी शामिल हैं। मजदूरों को फर्रुखाबाद निवासी विनोद ठेकेदार ले जा रहा था।