अमर उजाला, कानपुर। टेंस के लिए सहायक क्रिया ‘विल’ का प्रयोग किया जाता है। वहीं इसके पास्ट टेंस के लिए ‘विल’ का ‘वुड’ कर दिया जाता है। ऐसे में अक्सर बच्चों के मन में प्रश्न उठता है कि फ्यूचर का जब कोई पास्ट होता नहीं तो विल की पास्ट फार्म वुड कैसे हो जाती है। इसको संस्कृत की सबसे प्राचीन व्याकरण पाणिनी की अष्टाध्यायी के सूत्र के आधार पर समझा जा सकता है। फ्यूचर को आगे की सोच या कल्पना मानकर चलें तो पीछे की सोच या कल्पना के लिए वुड का प्रयोग होगा।
अंग्रेजी में ऐसे वाक्यों को कंडीशनल कहते हैं। उदाहरण के लिए वह पढ़ चुका होता का अंग्रेजी अनुवाद he would have read होगा। ग्रामर से जुड़ी ऐसी कई भ्रांतियों को शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास से जुड़े एक्सपर्ट यशभान सिंह तोमर ने कार्यशाला में दूर किया। सोमवार की यह कार्यशाला ‘शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास’ और ‘अमर उजाला फाउंडेशन’ की ओर से कानपुर के बर्रा स्थित आरएस इंटर कॉलेज में आयोजित हुई। पहले सेशन में अंग्रेजी ग्रामर से जुड़ी नई जानकारियां तो दूसरे सेशन में स्टूडेंट्स ने वैदिक गणित के माध्यम से 5 संख्याओं का वर्गमूल निकालना सीखा। विद्यालय के प्रबंधक वीके मिश्रा ने कहा ऐसी कार्यशालाओं के आयोजन से बच्चों को बहुत फायदा होता है। इसे समय समय पर निरंतर होते रहना चाहिए।