00 स्मार्ट बेटियों के गांव में उनके नाम पर बनेगी सड़क
लखनऊ के गोमतीनगर स्थित हिल्टन गार्डन इन होटल में आयोजित स्मार्ट बेटियां सम्मान समारोह में सम्मानित की गई बलरामपुर व श्रावस्ती की स्मार्ट बेटियां
  Start Date: 18 Dec 2018
  End Date: 18 Dec 2018
  Location: लखनऊ

बाल विवाह के खात्मे के लिए मुहिम चलाने वाली व अमर उजाला फाउंडेशन, यूनिसेफ, फ्रेंड, फिया फाउंडेशन और जे.एम.सी. द्वारा सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार के लिए चयनित स्मार्ट बेटियों के गांव में उनके नाम से सड़क बनेगी। ये घोषणा उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ‘स्मार्ट बेटियां सम्मान समारोह’ में इंटरनेट साथी व बेटियों को सम्मानित करते हुए कहीं। वहीं, महिला बाल विकास मंत्री रीता जोशी ने बेटियों को उनके गांव में सम्मानित करने की भी बात कहीं। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती व बलरामपुर जिलों के गांवों में रहने वाली स्मार्ट बेटियों की बनाई वीडियो कथाओं में से चयनित वीडियो बनाने वाली स्मार्ट बेटियों को मंगलवार, 18 दिसम्बर, 2018 को लखनऊ के गोमतीनगर स्थित हिल्टन गार्डन इन होटल में आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित किया गया।

गौरतलब हो कि इन स्मार्ट बेटियों की बनाई वीडियो कथाओं को डेढ़ माह में 50 लाख से भी अधिक लोगों ने देखा है। यानी हर रोज एक लाख से ज्यादा। एक करोड़ से अधिक लोगों तक यह वीडियो कथाएं विभिन्न माध्यमों से पहुंची हैं।

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि ‘अमर उजाला’ समय-समय पर प्रतिभा सम्मान समारोह, रक्तदान शिविर जैसे महत्वपूर्ण आयोजन करता है। ये सराहनीय पहल है। पूर्व में ‘अमर उजाला’ के ही कार्यक्रम में प्रदेश के मेधावियों के गांव को जोड़ने वाली सड़क बनाने की घोषणा की थी, जिसे डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम गौरव पथ नाम दिया है। आज जिन बेटियों को यहां पुरस्कृत किया जाएगा, उन बेटियों के नाम से उनके गांव में सड़क बनाएंगे। उन्होंने कहा कि यहां स्मार्ट बेटियों द्वारा बनाए गए वीडियो में दिख रहा है कि गांव में अभी भी कुरीतियों को लेकर काफी भ्रांतियां हैं।

पीएम मोदी ने बेटी-बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा दिया, जिसके बाद काफी बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि समाज के सहयोग के बिना कोई भी काम संभव नहीं है। समाज और सरकार एक रथ के दो पहलू हैं। सरकारी योजनाएं तो बहुत चल रही हैं, लेकिन जानकारी की कमी है। बेटियों ने एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर जागरूकता फैलाने का काम किया है। बेटियों के लिए हर क्षेत्र में काफी अवसर और बेहतर भविष्य है। जरूरत है उन्हें रास्ता बनाने की।

महिला बाल विकास मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि पिछले चार दशक में बेटियों की सोच बदली है। पांच साल में केंद्र व प्रदेश सरकार ने महिलाओं से जुड़ी योजनाओं को घर-घर तक पहुंचाने का प्रयास किया है। उन्होंने बताया कि हरियाणा में पहले लिंगानुपात 1000-850 था, जो अब 1000-940 हो गया है। इसमें गुणात्मक परिवर्तन हुआ है। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों सरकार ने भी महिला सशक्तीकरण को लेकर एक अभियान चलाया था।

इसमें 10 हजार महिलाओं को ट्रेंड किया। इसके बाद आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों, स्वयं सहायता समूहों आदि का 11-11 का ग्रुप बनाया गया। इससे 1 करोड़ 39 लाख महिलाओं को महिला मुद्दे पर जागरूक किया गया। आज उन्हें सम्मानित किया गया है। उन्होंने कहा कि योजनाओं के फीडबैक नहीं आते हैं। इस अभियान से काफी फीडबैक मिले हैं, उन्हें भी प्रभावी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि महिलाओं को अन्य महिलाओं को सशक्त बनाना होगा। उन्होंने कहा कि आज सम्मानित हो रही स्मार्ट बेटियों के गांव जाकर जनप्रतिनिधि या अधिकारी उनका सम्मान करेंगे।

आज सिर्फ ये बेटियां नहीं बल्कि पूरा परिवार स्मार्ट हुआ है। ये परंपरा के साथ तकनीकी का प्रयोग करके भारत को आगे बढ़ाएंगी। इस अवसर पर यूनीसेफ की चीफ फील्ड ऑफीसर यूपी रूथ लियानो, गीताली त्रिवेदी, अमित मेहरोत्रा, गूगल फ्रेंड की नेहा बड़जात्या, मृदुल, बाल आयोग के चेयरमैन डॉ. विशेष गुप्ता, बलरामपुर के विधायक पलटू राम, मझवा मिर्जापुर की विधायक शुचि स्मिता मौर्या, बौद्ध गुरु भंते उपस्थित थे।

ये किसी क्रांति से कम नहीं:
वीडियो कथाओं में से पहले चरण में दस श्रेष्ठ कथाओं को चुनने में वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता नीरजा चौधरी व ऋचा अनिरुद्ध ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस अवसर पर नीरजा ने कहा कि यह एक बहुत बड़ी मुहिम है। मैं 20 वीडियो देखकर स्तब्ध रह गई थी। सिर्फ चार दिन की ट्रेनिंग में इन बेटियों ने जो कर दिखाया है वह अद्भुत है। ये किसी क्रांति से कम नहीं है। इन बेटियों ने बाल विवाह रुकवाए हैं, उनकी पढ़ाई आगे बढ़ाई है। ये बेटियां देश का चेहरा बदलेंगी। अब हमें लड़कियों की शादी की उम्र 21 वर्ष करने का अभियान चलाना होगा।

हम बेटियों की आवाज बने हैं:
यूनीसेफ की चीफ फील्ड ऑफीसर रूथ लियानो ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण अभियान है। इन बेटियों की बदलाव की कहानी लिखी है। मोबाइल तकनीकी का इन्होंने सकारात्मक प्रयोग किया है। उन्होंने कहा कि कोई भी पहल, कहीं से शुरू करनी पड़ती है। आज हम इन बेटियों की आवाज बने हैं। निश्चित रूप से ये आगे चलकर बहुत बड़ा काम करेंगी। यूनीसेफ की ही गीताली त्रिवेदी ने कहा कि ये एक आंदोलन है। 6 महीने में ही इन बेटियों ने बहुत बदलाव किया है। ये बदलाव की संवाहक बन रही हैं। एक इंटरनेट साथी 10 बेटियों को प्रशिक्षित कर रही हैं। कुल 105 स्टोरियां निकाली हैं।

इनके वीडियो हुए सम्मानित
इंटरनेट साथी मालती वर्मा की किरण वर्मा व प्रतिभा पर बनाई वीडियो स्टोरी को पहला पुरस्कार, गुंजन त्रिपाठी की बृजरानी पर बनाई वीडियो स्टोरी को दूसरा पुरस्कार और रंजना की जगदीश मौर्य पर बनाई वीडियो स्टोरी को तीसरा पुरस्कार दिया गया। इसके साथ ही इंटरनेट साथी श्वेता शुक्ला, अंबालिका सिंह, रेखा, अनीता, विनीता देवी, प्रियंका उपाध्याय, ननकाना यादव व रीता देवी व अन्य को भी सम्मानित किया गया।

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