00 कानपुर के वेदांत हॉस्पिटल में निःशुल्क कैंसर जांच शिविर का आयोजन।
कानपुर के वेदांत हॉस्पिटल में आयोजित कैंसर जांच शिविर में चेकअप करते डॉ. विष्णु अग्रवाल
  Start Date: 29 Sep 2018
  End Date: 29 Sep 2018
  Location: कानपुर

अमर उजाला फाउंडेशन और भक्ति वेदांत हॉस्पिटल, मुंबई के संयुक्त तत्वावधान में कानपुर के आर्यनगर स्थित वेदांता हॉस्पिटल में शनिवार, 29 सितम्बर, 2018 को निःशुल्क कैंसर जांच शिविर का आयोजन किया गयाl शिविर में नगर और आस पास के 14 जिलों के 235 रोगियों ने परीक्षण करवाया। जो रोगी रहे हैं कैंसर रोग विशेषज्ञों ने उन्हें इलाज के लिए मशविरा दिया। इसके साथ ही बहुत से लोग अपने को संदिग्ध रोगी मान रहे थे, उनकी जांच करके शंका दूर की। उदास और तनाव में आए ये लोग शंका दूर होने पर खुशी-खुशी घर गए। निःशुल्क कैंसर शिविर में पंजीकृत रोगियों को इलाज में भक्ति वेदांत हॉस्पिटल छूट भी देगा। अगर शहर में वेदांता में इलाज होगा तो भी उन्हें छूट मिलेगी।

वेदांत हॉस्पिटल में निशुल्क कैंसर परीक्षण शिविर का आयोजन सुबह 10 बजे से अपराह्न तीन बजे तक चला। शिविर में शहर के अलावा हमीरपुर, कन्नौज, फतेहपुर, जालौन, हरदोई आदि जिलों के रोगी आए। इनमें बहुत से रोगी अलग-अलग अस्पतालों में इलाज करा चुके थे और सही इलाज को लेकर परेशान थे। शिविर में भक्ति वेदांत के कैंसर विशेषज्ञ डॉ. विष्णु अग्रवाल और उनके सहायक डॉ. अमोल जादव ने परीक्षण किया और उन्हें इलाज के लिए मशविरा दिया। विशेषज्ञों के मशविरे से रोगी संतुष्ट हुए। इसके साथ ही महिलाओं का परीक्षण डॉ. रेशू अग्रवाल श्रीवास्तव ने किया। शिविर में 65 महिलाओं ने परीक्षण कराया। 

डॉ. विष्णु अग्रवाल ने बताया कि शिविर में पंजीकृत रोगी अगर मुंबई इलाज कराने आते हैं तो उन्हें स्थिति के अनुसार 50 फीसदी तक की छूट दी जाएगी। वहीं वेदांता अस्पताल के प्रमुख डॉ. गोविंद त्रिवेदी का कहना है कि शिविर सफल रहा है। गरीब रोगियों को परीक्षण कराने में आसानी हुई। अगर शिविर में पंजीकृत किसी रोगी की अस्पताल में सर्जरी होती है तो उसे छूट दी जाएगी। शिविर में वेदांता के प्रशासक संजय त्रिवेदी और मार्केटिंग हेड शरद त्रिपाठी और फाउंडेशन के वॉलियंटर प्रकाश कुमार, संदीप उत्तम, अनीष निगम, श्रवण प्रजापति, अखिलेंद्र प्रताप सिंह, नवतेज, शिवम कटियार का सहयोग रहा।

रोबोटिक तकनीक में कैंसर प्रभावित अंग को निकालने के लिए चीरा नहीं लगाना पड़ता। सर्जरी के लिए बस छोटे-छोटे चार छेद करने पड़ते हैं, इससे पूरी सर्जरी हो जाती है। भक्ति वेदांत हॉस्पिटल मुंबई के रोबोटिक सर्जरी विशेषज्ञ डॉ. विष्णु अग्रवाल ने बताया कि इस तकनीक से मुंह के कैंसर की सर्जरी में रोगी का चेहरा भी नहीं बिगड़ता और न ही अधिक दर्द होता है। रोगी को सिर्फ दो या तीन अस्पताल में रहना पड़ता है। आईसीयू में भी रखने की जरूरत नहीं पड़ती। उन्होंने बताया कि मुंह, जुबान, गाल ब्लैडर, बच्चेदानी, आंत आदि के कैंसर में भी रोबोटिक सर्जरी कारगर है। रोबोटिक सर्जरी को भी करता तो सर्जन ही है लेकिन इसमें एक मशीन (रोबो) की मदद लेता है।  कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. रेशू अग्रवाल श्रीवास्तव का कहना है कि युवतियां खुद स्तन की जांच करती रहें। अगर कोई गांठ हो तो इसकी जांच कराएं। शुरुआत में स्तन के कैंसर को पूरी तरह ठीक किया जा सकता है।

 25 साल की उम्र तक की युवतियां खुद अपने से जांच करें और 30 साल की उम्र के बाद डॉक्टर से जांच कराएं। खासतौर पर जिनकी फैमिली हिस्ट्री है, उन युवतियों को अधिक सतर्क रहना चाहिए। जागरुकता की कमी के कारण कैंसर महिला रोगी बहुत देर में अस्पताल आती हैं। एडवांस स्टेज में कैंसर के इलाज में मुश्किल होती है।
 

Share:

Related Articles:

0

Disclaimer

हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।