अमर उजाला फाउंडेशन व बाल चित्र समिति के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार, 2 अगस्त, 2019 को गाजियाबाद के वैशाली, सेक्टर- 1 स्थित सनवैली इंटरनेशनल स्कूल में बाल फिल्म महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान स्कूल में कक्षा चार के करीब 210 बच्चों को बाल फिल्म 'करामाती कोट' दिखाई गई। फिल्म देखने के बाद बच्चों ने लालच और अंधविश्वास से दूर रहकर आत्म विश्वास से जीवन के हर क्षेत्र में सफलता हासिल करने व परिश्रम कर जीवन में आगे बढऩे का संकल्प लिया।
राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत बाल फिल्म देखकर बच्चे चहक उठे। फिल्म में बाल कलाकारों का किरदार और जादुई लाल कोट बच्चों को बेहद पसंद आया। नीले बालों वाली बुढिय़ा के नखरे भी बच्चों को पसंद आये। बच्चों ने कहा कि ऐसी फिल्में उन्हें नई सीख देती हैं जिन्हें सीखकर वे जीवन में आगे बढ़ सकते हैं।
इस दौरान छात्र-छात्राओं ने फिल्म का लुत्फ उठाया, साथ ही स्कूल की टीचर ऋषिका, अनुपमा, नीता भटनागर, संगीता, भावना ने भी फिल्म का आनंद लिया। बच्चों ने संस्कार सहित जीवन में कुछ अलग करने की सीख हासिल की। बाल फिल्म ने संदेश दिया कि विश्वास से ज्यादा आत्मविश्वास जरूरी है। शिक्षकों ने कहा कि ऐसी फिल्में शिक्षा के महत्व को दर्शाती हैं।
करामाती कोट देखकर बच्चे खासे खुश दिखे। मनोरंजन के साथ प्रेरणादायक भी है यह फिल्म। इस तरह के कार्यक्रम बच्चों के जीवन को संवारने में सहायक होते हैं। - प्रीति गोयल, प्रधानाचार्या
इस फिल्म से हमें यह सीखने को मिला कि जीवन में कभी भी लालच नहीं करना चाहिए। करामाती कोट देखकर हमें बहुत मजा आया। - हर्षिता
फिल्म सिखाती है कि लालच करेंगे तो कुछ समय तो बेहद अच्छा गुजरता है लेकिन बाद में लालच के साथ मुसीबत भी आती है। - शानवी
फिल्म बेहद ही अच्छी थी। जिससे बहुत कुछ सीखने को मिलता है। फिल्म के हर किरदार ने कोई न कोई सीख दी है। - वीर सिंह