अमर उजाला फाउंडेशन और बाल चित्र समिति की ओर से बाल फिल्म महोत्सव के तहत दिखाई जा रही बाल फिल्मों के क्रम में बुधवार, 15 मई, 2019 को नोएडा के सेक्टर- 44 स्थित महामाया बालिका इंटर कॉलेज में बाल फिल्म महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान बच्चों को 90 मिनट की बाल फिल्म ‘छुटकन की महाभारत’ दिखाई गई। फिल्म देखने के बाद बच्चियों ने किसी को परेशान न करने, सबकी मदद करने का संकल्प लिया। शिक्षकों ने कहा कि इस तरह की फिल्मों से बच्चों का मनोरंजन तो होता ही है साथ ही शिक्षा का महत्त्व भी बच्चों को पता चलता है।
फिल्म में ‘छुटकन’ का किरदार और महाभारत के कलाकारों पर चित्रित दृश्य बच्चों को बेहद पसंद आया। फिल्म गांव के एक लड़के पर आधारित है, जिसके सपने अचानक सच होने लगते है। राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत बाल फिल्म ‘छुटकन की महाभारत’ देख बच्चे गदगद हुए। शिक्षिका शालू ने कहा कि फिल्म देखने के बाद बच्चों को अंधविश्वास और लालच से दूर रहने की प्रेरणा मिली। मुझे लगता है कि बच्चे ‘छुटकन की महाभारत’ को याद रखेंगे। हमें खुश रहना चाहिए और दूसरों को भी खुश रखना चाहिए।
इस दौरान जूनियर वर्ग की लगभग 250 से अधिक छात्राओं ने फिल्म का लुत्फ उठाया, साथ ही विद्यालय की प्रधानाचार्या प्रतिभा चौधरी, शालू, मोनिका, ऋतू, आशीषा, कल्पना, स्मिता, मासूमा, शिल्पा, रूचि प्रियंका व सीमा आदि ने भी फिल्म का आनंद लिया। फिल्म के अंत में बच्चों ने ताली बजाकर अपनी खुशी जाहिर की, साथ ही फिल्म के संगीत ‘छुटकन का बोल बाला...’ भी गुनगुनाया।
फ़िल्में समाज का आईना होती है। बचपन में ही इस तरह की प्रेरणादायक फिल्म देखकर बच्चों में एक बेहतर सूझ बूझ पैदा होती है। फिल्मों से बच्चों को मनोरंजन के साथ संस्कार भी मिलता है। - प्रतिभा चौधरी, प्रधानाचार्या
फिल्म देखकर अच्छा लगा, इससे कई ज्ञानवर्धक बातें देखने और सीखने को मिली। - शान्वी, छात्रा
‘छुटकन की महाभारत’ से हमें सीख मिली की सबके साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए, किसी को परेशान नहीं करना चाहिए। - लीजा, छात्रा