अमर उजाला फाउंडेशन और बाल चित्र समिति के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार, 19 दिसम्बर, 2018 को कछवां (मिर्जापुर) के तीन स्कूलों में तीन बाल फिल्में दिखाई गईं। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत बाल फिल्मों को देखकर बच्चे चहक उठे। तीन विद्यालयों में फिल्म दिखाकर छात्र-छात्राओं को शिक्षा व संस्कार के प्रति जागरूक किया गया। बाल फिल्मों को देखने स्कूलों में विद्यार्थियों की भीड़ रही।
इन फिल्मों को देखकर बच्चों ने कहा कि ऐसी बाल फिल्में कुछ अलग ही करने की प्रेरणा देती हैं। कछवां के कनक सराय गांव स्थित विंध्य महिला विद्यालय में 260 छात्र-छात्राओं को बाल फिल्म छोटा सिपाही दिखाई गई। फिल्म के माध्यम से बच्चों ने कुछ कर गुजरने की सीख ली और अपने लक्ष्य को एक जगह केंद्रित करने की सीख मिली। इसी तरह अपने लक्ष्य तक पहुंचने में पढ़ाई के साथ शिष्टाचार के महत्व को भी जाना।
बरैनी रोड स्थित कछवां क्रिश्चियन स्कूल परिसर में लगभग पांच सौ विद्यार्थियों को बाल फिल्म कभी पास कभी फेल दिखाई गई। कछवां के पं.रामकिंकर उपाध्याय विद्यापीठ में बच्चों को बाल फिल्म एक अजूबा दिखाई गई। जिसे बच्चों ने खूब पसंद किया। फिल्म का मुख्य किरदार अपने चरित्र से बच्चों के मन में बसे भूत-प्रेतों के डर को भगाता है, जो बच्चों को अच्छी लगी।
बाल फिल्म एक अजूबा देखकर मन में कुछ अलग करने का जुनून पैदा हो गया।- गोपीनाथ उपाध्याय
बाल फिल्म छोठा सिपाही ने संदेश दिया कि विश्वास से ज्यादा आत्मविश्वास जरूरी है।- आरजू सिंह
बाल फिल्म कभी पास कभी फेल ने दृढ़ संकल्प हो तो कोई कार्य कठिन नहीं होता।- आकांक्षा उपाध्याय