ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय, पर्वतीय विश्वविद्यालय और अमर उजाला फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में देहरादून के ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय के होटल मैनेजमेंट विंग में 9 अक्टूबर, 2018 से दो दिवसीय स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गयाl शिविर में 1846 (पहले दिन 1011 और दूसरे दिन 835) शिक्षकों और छात्र-छात्राओं ने रक्तदान कर राजधानी में एक नया रिकॉर्ड कायम किया हैl
ग्राफिक एरा ग्रुप ऑफ़ एजुकेशन के अध्यक्ष प्रो. कमल घनशाला ने शिविर का शुभारंभ करते हुए कहा कि रक्तदान बड़े पुण्य का कार्य है, जिसके जरिये हम समाज में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैंl बड़ी संख्या में लोगों को जरुरत के समय रक्त नहीं मिल पाता है, जिसके कारण उनकी जान तक का खतरा पैदा हो जाता हैl यह कमी तब तक दूर नहीं की जा सकती, जब तक अधिक से अधिक लोग रक्तदान के लिए आगे नहीं आतेl इस दौरान प्रो. कमल ने रक्तदान कर रहे युवाओं को गुलाब भेंटकर उनका हौसला बढ़ायाl
शिविर के पहले दिन होटल मैनेजमेंट बिल्डींग में श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल ब्लड बैंक की टीम द्वारा सर्वाधिक 406 यूनिट रक्त एकत्र किया गयाl सीएसआईटी परिसर में हिमालयन हॉस्पिटल के ब्लड बैंक की टीम द्वारा 305 यूनिट, पर्वतीय विवि परिसर में आईएमए ब्लड बैंक की टीम द्वारा 155 यूनिट एवं एम्स ऋषिकेश की टीम द्वारा 145 यूनिट रक्त एकत्र किया गयाl
बुधवार, 10 अक्टूबर, 2018 को शिविर के दूसरे दिन भी युवाओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिलाl शिविर के दूसरे दिन श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के ब्लड बैंक की टीम द्वारा 315 यूनिट, हिमालयन हॉस्पिटल के ब्लड बैंक की टीम द्वारा 175 यूनिट, दून अस्पताल के ब्लड बैंक द्वारा 145 यूनिट और आईएमए ब्लड बैंक की टीम द्वारा 200 यूनिट रक्त एकत्र किया गयाl
इस मौके पर सभी रक्तदाताओं को फाउंडेशन और ब्लड बैंक टीम की ओर से डोनर कार्ड एवं प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित भी किया गयाl
गौरतलब हो कि ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित दो दिवसीय रक्तदान शिविर में जहां 1846 लोगों ने स्वैच्छिक रक्तदान किया, वहीँ करीब एक हज़ार लोग विभिन्न स्वास्थ्य कारणों (वजन की कमी, हीमोग्लोबिन, टैटू आदि) से रक्तदान करने से वंचित रह गयेl साथ ही शहर के सभी ब्लड बैंकों में स्टॉक पर्याप्त होने की वजह से ब्लड बैंक टीम ने और रक्त लेने से इनकार कर दिया, इसके चलते कई लोगों को शिविर से मायूस लौटना पड़ाl
ब्लड बैंक के विशेषज्ञों ने बताया कि 18 से 60 वर्ष की आयु का कोई भी स्वस्थ व्यक्ति प्रत्येक तीन माह के अंतराल में सुरक्षित रूप से रक्तदान कर सकता हैl निकाले गये रक्त की पूर्ति में करीब 90 दिन का समय लगता हैl उन्होंने बताया कि एक यूनिट रक्त से आरबीसी, प्लेटलेट्स और फ्रेश फ्रोजन प्लाज्मा अलग-अलग किया जाता है, जो तीन अलग-अलग लोगों को चढ़ाया जा सकता हैl जिससे कई जरूरतमंद लोगों को आसानी से रक्त उपलब्ध हो पाता हैl स्वैच्छिक रक्तदान को हमें अपनी आदत में शामिल करना चाहिएl