‘अमर उजाला फाउंडेशन’ की ओर से शुक्रवार, 8 जनवरी, 2016 को इलाहाबाद के गंगागुरुकुलम स्कूल में ‘पुलिस की पाठशाला’ का आयोजन किया गयाl पाठशाला में एसपी गंगापार दिगंबर कुशवाहा छात्रों के बीच शिक्षक की भूमिका में नजर आए। एसपी गंगापार उन्होंने छात्रों को बताया कि जब आप सब पुलिस के काम करने के तरीके के बारे में जानेंगे तो आपकी उसके प्रति नकारात्मक सोच दूर होगी। एसपी गंगापार ने छात्रों को किसी भी हाल में कानून अपने हाथ में न लेने की सलाह के साथ फंडामेंटल राइट की जानकारी दी।
‘पुलिस की पाठशाला’ में एसपी गंगापार ने पुलिस की कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी दी। बताया कि पुलिस वालों को पता नहीं होता कि अपने बच्चों के साथ त्योहार मनाने की खुशी क्या होती है, ऐसा इसलिए क्योंकि वह कभी त्योहारों पर अपने घर नहीं होते हैं। आप बिना किसी बाधा के अपनी खुशी मनाएं इसके लिए वह ड्यूटी पर तैनात होते हैं। कहा कि हर व्यक्ति यह चाहता है कि उसे न्याय तत्काल मिले, पुलिस से तत्काल न्याय नहीं मिलने पर 50 फीसदी लोग हमेशा नाराज रहते हैं।
एसपी गंगापार ने छात्रों से कहा कि पुलिस से डरने की आवश्यकता नहीं, पुलिस आपकी मदद के लिए है। कहा कि सीमित संख्या में पुलिस बल हर समय मदद के लिए आपके पास नहीं पहुंच सकती, इसके लिए हर नागरिक को आगे बढ़कर पुलिस की भूमिका निभानी होगी। कहा कि जनता के सहयोग से ही पुलिस सफल हो सकती है। एसपी गंगापार ने बच्चों से बचपन से ही नियमों के पालन करने की आदत डालने को कहा। उन्होंने कहा कि इससे वह समाज को सही राह दिखा सकेंगे। उन्होंने यातायात के नियमों का भी बढ़-चढ़कर पालन करने को कहा। इसको तोड़ने वाले को पहले समझाएं, नहीं मामने की स्थिति में इस बात की शिकायत पुलिस को 100 नंबर पर डायल करके दें। कहा कि यदि उन्हें समाज में कहीं भी कुछ गलत दिखाई पड़ता है तो इसकी सूचना तत्काल पुलिस को दें। छात्रों को सलाह दी कि यदि आपके सामने कुछ गलत हो रहा है तो उसे रोकें। पुलिस का सहयोग भी कानून का अनुपालन करना है। उन्होंने कहा कि लोग पढ़े-लिखे हैं, इसलिए कानून व्यवस्था के पालन में उनका पुलिस को अधिक सहयोग मिल रहा है।
गंगागुरुकुलम की प्रधानाचार्या अल्पना डे ने अतिथि का स्वागत करने के साथ ‘अमर उजाला’ की पहल की सराहना की। उन्होंने बच्चों से स्व अनुशासन को जीवन में उतारने की सीख दी। कहा कि बच्चे सकारात्मक पहल के जरिए पुलिस की मदद कर सकते हैं। उन्होंने बच्चों से कहा कि ऐसा कुछ न करें, जिससे समाज में किसी व्यक्ति को पीड़ा पहुंचे। उन्होंने छात्रों की ओर से पुलिस अधीक्षक से सवाल किया कि कभी कोई समस्या सामने आए तो बच्चे किससे शिकायत करें। इस पर पुलिस अधीक्षक ने 100 नंबर और 1098 पर फोन करने की सलाह दी। पुलिस की पाठशाला की एक-एक कड़ियों को आपस में जोड़ते हुए उसका सफल संचालन विद्यालय काउंसलर नित्यानंद सिंह ने किया।
पाठशाला में नौवीं, ग्यारहवीं एवं दसवीं के छात्र-छात्राओं ने पुलिस अधीक्षक से खुलकर सीधा संवाद किया और कई सवाल भी किए। छात्रा चारूलता सिंह ने आरक्षण व्यवस्था की वैधता पर सवाल पूछे तो छात्रा रचिता ने पूछा कि आखिर में मीडिया पुलिस की नकारात्मक छवि क्यों प्रस्तुत करती है। छात्र अनुराग एवं रूद्रेश ने सर्विलांस की उपयोगिता से जुड़े सवाल पूछे। छात्र विकास कुमार ने कमजोर तबके की पुलिस की अनदेखी से जुड़ा मामला उठाया तो शिवांश शुक्ल ने सवाल उठाया कि फाफामऊ में अभी दो दिन पहले हुए बवाल के दोषियों को सरकार नौकरी से वंचित करने की बात कर रही है। इस पर पुलिस अधीक्षक ने कहा कि एक बार पुलिस के रिकार्ड में नाम दर्ज होने के बाद नौकरी में बाधा तो आएगी ही। उन्होंने कानून हाथ में नहीं लेने की बात कही।
नियम पालन की सीख
•राह चलते यदि कोई संदिग्ध व्यक्ति दिखाई पड़ता है तो तत्काल इसकी जानकारी 100 नंबर पर दें।
•वाहन चलाते समय बेवजह हार्न बजाने से बचें।
•नशीले पदार्थ के सेवन करने वालों से दूर रहें, इसकी जानकारी पुलिस को देें।
•नियमों का पालन करें, इससे व्यवस्था बनाने में मदद मिलेगी।