आगरा। लोहामंडी के रत्नमुनि जैन इंटर कालेज में सोमवार का दिन विशिष्ट रहा। यहां अमर उजाला फाउंडेशन और आगरा पुलिस के संयुक्त अभियान ‘पुलिस की पाठशाला’ की शुरुआत हुई। विद्याथियों ने वह पाठ पढ़ा जिसमें उन्हें सफलता और देश के भविष्य के रूप में विकसित होने की प्रेरणा मिली। इस अनूठी पाठशाला के प्राचार्य (मुख्य वक्ता) के रूप में उन्हें वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश डी मोदक ने सुनहरे भविष्य के मंत्र दिए। एसएसपी ने मंच पर आते ही बच्चों के साथ सीधा संवाद स्थापित किया। उनसे उनकी रुचियां पूछीं और उनके जरिए ही बेहतर जानकारी पाने के उपाय बताए। उन्होंने खुद को उदाहरण के रूप में पेश किया और बताया कि किस तरह मां और एक टीचर की सीख ने उन्हें सामान्य विद्यार्थी से आईपीएस अफसर में बदल दिया।
पुलिस कप्तान ने विद्यार्थियों से कहा कि मां से बड़ी कोई पाठशाला नहीं। यदि वे सिर्फ अपनी मां की हर सीख और शिक्षक की सलाह पर अमल करते रहे तो निश्चित ही वह उनकी तरह अधिकारी या फिर जो चाहें बन सकते हैं। क्योंकि मां की सीख बुरी सोहबत और आदतों से बचाती है। इन्हीं से बिगड़ने की शुरूआत होती है और यहीं से अपराध की राह भी निकलती है। कार्यक्रम के अध्यक्ष और उप शिक्षा निदेशक आरपी शर्मा, विशिष्ट अतिथिगण प्राचार्य डायट कमलेश कुमार और एएसपी शैलेंद्र पांडेय ने भी विचार रखे। सबने अमर उजाला के इस पहल की सराहना की। धन्यवाद ज्ञापन प्रधानाचार्य डा. अनिल वशिष्ठ ने किया।
नेशनल क्राइम ब्यूरो के वर्ष 2013 के आंकड़े बताते हैं कि देशभर में 38765 और यूपी में 1291 बच्चों (7-18 साल) ने आपराधिक वारदात किए। इनमें तमाम ने कभी फिल्में देखकर तो कभी एडवेंचर के चक्कर में ऐसे काम किए जो अपराध हैं, लेकिन उन्हे पता न था। इसे देखते हुए अमर उजाला फाउंडेशन ने आगरा पुलिस के साथ मिलकर ‘पुलिस की पाठशाला’ शुरू की। इसके तहत किशोरों-युवाओं को अपराध और उनके दुष्परिणामों के प्रति जागरूक किया जाएगा। इससे जहां किशोरों को जिम्मेदार नागरिक बनाने में मदद मिलेगी, पुलिस के बारे में उनकी भ्रांतियां दूर होंगी तो अपराध नियंत्रण में भी मदद मिलेगी।