00 चाल खावों को संवारने को तैयार हुए कई गांव
सदाबहानी गगास अभियान
  Start Date: 08 Apr 2018
  End Date: 09 Apr 2018

देवभूमि उत्तराखंड के कुमाऊँ में गगास एक ऐसी नदी हैं, जिसके दो उद्गम स्थल माने जाते हैं। इसकी भौतिक और आध्यात्मिक महत्ता के चर्चे होते हैं. कभी सदाबहानी रही गगास अब तेजी से सूख रही हैं। सदाबहानी गगास नदी के गिरते जल स्तर को लेकर अमर उजाला फाउंडेशन द्वारा स्थानीय लोगों के सहयोग से, विभिन्न सरकारी विभागों को साथ लेकर इस नदी को सदाबहानी करने का एक अभियान चलाया जा रहा हैं। गगास बचाओ अभियान के तहत स्थानीय महिलाओं ने कमर कसी और उद्गम स्थलों को रिचार्ज करने, चाल-खाल बनाने और पौधारोपण पर भी जोर दे रही हैं। गौरतलब हो कि गगास नदी को सदाबहानी बनाने के लिए गत वर्ष मई माह में पदयात्रा भी निकाली गई थी, जिसमें स्थानीय ग्राम समाज के महिला-पुरुष के साथ ही स्थानीय विद्यालयों के विद्यार्थी एवं शिक्षकगण भी शामिल हुए।

अल्मोड़ा जिले में गगास नदी को सदाबहानी बनाने के लिए अमर उजाला फाउंडेशन की मुहीम में कंधे से कंधा मिलाकर लोग उदयपुर के जंगल की ओर 8 अप्रैल को रुख करेंगे। अब कई गांवों ने अपने चाल खावों को सजाने और संवारने के लिए कमर कसी है। उदयपुर और भटकोट के जंगल में आठ और नौ अप्रैल को इस मुहिम की शुरुआत की जा रही है।

अभियान का मकसद: गगास नदी को सदाबहानी करने का टिकाऊ काम करना. समाज के हर वर्ग को इससे जोड़ने का काम किया जा रहा है। समाज-सरकार मिलकर काम करेंगे तभी जल संकट दूर होगा. वन्यजीवों को राहत मिलेगी और पर्यावरण भी संतुलित होगा।

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