अमर उजाला फाउंडेशन की ओर से महिला सशक्तिकरण के लिए चलाए जा रहे अभियान 'अपराजिता- 100 मिलियन स्माइल्स' के तहत शुक्रवार, 1 मार्च, 2019 को दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (एसआरसीसी ) में छात्राओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया गया। कार्यक्रम में दिल्ली पुलिस से विशेष सहयोग मिला। पुलिस की सेल्फ डिफेंस टीम ने छात्राओं को अप्रिय स्थिति से बचाव की हर तकनीक से परिचित कराया। आत्मरक्षा के गुर सीख कर छात्राएं उत्साहित और आत्मविश्वास से लबरेज दिखीं।
आत्म रक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत में छात्राओं को अमर उजाला के अपराजिता अभियान की जानकारी दी गई। देश-विदेश में ख्यातनाम एसआरसीसी में आयोजित इस विशेष वर्कशॉप में छात्राओं का हौसला बढ़ाने करने के लिए सहायक पुलिस आयुक्त डॉ. रिद्धिमा सेठ व महिला इंस्पेक्टर सुषमा रावत भी पहुंची। उनकी अगुवाई में दिल्ली पुलिस के आत्मरक्षा दस्ते ने छात्राओं को बचाव की विभिन्न तकनीक से अवगत करवाया। इस दस्ते के कोर्डिनेटर विनोद वालिया दस लोगों की टीम के साथ पहुंचे थे।
दिल्ली पुलिस का यह दस्ता महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाने के अलावा उनमें आत्मविश्वास पैदा करने का प्रयास करता है, ताकि वे किसी भी विषम परिस्थिति में अपना बचाव कर सकें। छात्राओं ने पूरे मनोयोग से आत्मरक्षा की तकनीक को समझा। कुछ छात्राओं ने अलग से कुछ गुर सीखने की भी इच्छा जताई। अमर उजाला अपराजिता की आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला का उदेश्य यही है कि सुरक्षित समाज हर महिला और बच्ची का हक है।
कॉलेज की यौन उत्पीड़न आंतरिक शिकायत समिति की प्रमुख व कॉलेज शिक्षक रीना चड्ढा ने कहा कि इस कार्यशाला का छात्राओं को काफी लाभ होगा। हाल ही में कॉलेज गेट पर हुए एक हादसे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि एक छात्रा गेट पर भीड़ में फंस गईं थी वह घबरा कर रोने लगी थी। उसे इस वर्कशाप का लाभ मिला होता तो उसमें भी आत्मविश्वास उत्पन्न होता। इस कार्यशाला से छात्राओं को बस, सार्वजनिक स्थानों या अन्य जगहों पर अपनी सुरक्षा कैसे करनी है इसका पता चला है। प्रशिक्षण कार्यक्रम को कॉलेज में आयोजित करने के लिए उन्होंने अमर उजाला का आभार जताया।
दिल्ली पुलिस के आत्मरक्षा दस्ते ने छात्राओं को बताया कि कैसे पैन और किताब भी उनकी सुरक्षा का हथियार बन सकती है। किसी भी विषम परिस्थिति में फंस जाएं तो किसी तरह से पैन निकाल कर अभ्रदता करने वाले लगातार अलग-अलग वार करते रहें। इसी तरह से किताब के मुड़े हुए हिस्से से भी वार किया जा सकता है। हालांकि उन्हें इस बात का भी ध्यान रखना है कि अपने को मजबूत बना कर रखें। आत्मविश्वास किसी भी स्थिति में ना खोएं। इसी तरह दोनों हाथ बंधने पर पैर से भी हमलावर पर काबू पाया जा सकता है। इस दौरान महिला या युवती को सतर्क रहने की जरूरत है ताकि सामने वाला हावी ना हो सके।
कार्यक्रम के दौरान आत्मरक्षा दस्ते ने विभिन्न तकनीक का डेमो देने के बाद छात्र-छात्राओं को मंच पर बुलाया। मंच पर उन्हें परिस्थिति अनुसार लाइव डेमो देकर जानकारी दी गई। छात्राओं के साथ ही छात्रों को बुलाकर भी उन्हें आमने-सामने कराया गया ताकि छात्राएं तकनीकों को ध्यानपूर्वक समझ सकें।
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