00 राधाबल्लभ पब्लिक स्कूल हुई पुलिस की पाठशाला।
राधाबल्लभ पब्लिक स्कूल में आयोजित पुलिस की पाठशाला में मौजूद विद्यार्थी।

आगरा। अमर उजाला फाउंडेशन की ‘पुलिस की पाठशाला’ राधाबल्लभ पब्लिक स्कूल, अमर विहार (दयालबाग) में लगी। पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) अजय मोहन शर्मा शिक्षक (मुख्य वक्ता) थे। उन्होंने ‘अपराध’ की परिभाषा बताई और ‘अपराधियों’ व्याख्या की। बताया कि अपराधी कायर होते हैं। वे चोरी छिपे, रात में और चेहरा छिपाकर सक्रिय होते हैं। इसलिए कायरों से डरना नहीं चाहिए।

पुलिस आपके साथ है। अच्छे लोग डरे तो अपराधियों का मनोबल बढ़ेगा। डीआईजी ने बताया कि जिस काम को करने के लिए मन गवाही न दे रहा हो, जिससे दूसरों को हानि पहुंचे, वही अपराध है। उन्होंने छात्र-छात्राओं को सचेत किया कि इंटरनेट का इस्तेमाल काम की चीजों के लिए करें। कोई गलत बात, समाज को बांटने वाले मैसेज शेयर न करें। यह साइबर क्राइम हो सकता है। पुलिस में आने से पहले प्रोफेसर रहे अजय मोहन शर्मा ने अपना संवाद शैली से क्लास के हर विद्यार्थी को पाठ से जोड़े रखा। नतीजा न केवल उनके हर सवाल पर जवाब आए बल्कि आखिर में स्टूडेंट्स ने सवालों की झड़ी भी लगा दी। ये सवाल पुलिस की कार्य प्रणाली और व्यवहार को पर थे। डीआईजी ने कभी तर्क, कभी दृष्टांत तो कभी कानून की व्याख्या से सभी की जिज्ञासाएं शांत कीं।

इससे पहले राधाबल्लभ ग्रुप आफ स्कूल्स के डायरेक्टर डा. प्रदीप मिश्र ने अतिथियों का स्वागत किया। जिला पुलिस के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में स्कूल के प्रधानाचार्य एसके सिंह व टीचरअनीता अग्रवाल, सुषमा शर्मा, शिल्पा सक्सेना, रागिनी श्रीवास्तव, विपिन अवस्थी, सुमित त्रेहान, नीरज मिश्रा, गौरव सिंह, गौरव गर्ग, नितिन मित्तल आदि भी सहभागी रहे।
 
स्कूलों को दी जा रही धमकी के संबंध में डीआईजी ने कहा कि विद्यार्थियों को इससे डरना नहीं चाहिए। जो भी धमकी दे रहा है, उसका मकसद डराना है ताकि व्यवस्था भंग हो। पेरिस में आतंकी हमले के बाद लोगों के उसे रेस्त्रां में जुटने का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि कोई न डरे तो वह नाकामयाब हो जाएगा। हां, सचेत रहें। अफवाहों से बचें। किसी की गतिविधि संदिग्ध लगे तो पुलिस को सूचना दें, शिक्षकों को बताएं। कभी कुछ हो जाए तो भी संयत रहें। भगदड़ न मचाएं। भगदड़ से जान-माल का नुकसान होता है।
 
डीआईजी ने कहा कि पुलिस जनता को डराने के लिए नहीं, बल्कि सबकी मित्र है। वह कोशिश करेंगे कि स्कूली बच्चों को पुलिस लाइन और थानों का भ्रमण कराया जाए। ताकि वह पुलिस के कामकाज को समझ सकें। देख सकें कि किस तरह पुलिस उनके लिए 24 घंटे काम करती है। मंडलीय उप शिक्षा निदेशक आरपी शर्मा ने विद्यार्थियों को समझाया कि वह मोबाइल फोन और इंटरनेट का इस्तेमाल सावधानी से करें। उनकी छोटी गलती भी अपराध की श्रेणी में आ सकती है। कई बार युवा मजाक में अपराध कर बैठते हैं। इससे बचना चाहिए।
 
पुलिस की पाठशाला अभिनव प्रयास है जो देश-समाज में कानून पंसंद नागरिकों की जमात गढ़ने की कोशिश है। अमर उजाला फाउंडेशन की सोच को सलाम। इसे और व्यापक बनाने में सहयोग करेंगे। -प्रदीप मिश्र, निदेशक, राधाबल्लभ ग्रुप आफ स्कूल्स
 
ये सलाह भी दी
• लावारिस चीजों की सूचना दें।
• संभव हो तो फोन को न बेचें।
• बुरे लोगों की सोहबत से बचें।
• हेलमेट लगाकर वाहन चलाएं।
 
ये हैं जरूरी नंबर: 
100: अपराध, इसकी आशंका. संदिग्ध गतिविधि की सूचना के लिए।
1090: महिलाओं के साथ छेड़छाड़ या अपराधों में शिकायत के लिए।
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