अमर उजाला फाउंडेशन की मुहिम अपराजिता के तहत शुक्रवार, 7 जून, 2019 को महराजगंज के गणेश शंकर विद्यार्थी स्मारक इंटर कॉलेज में एकदिवसीय आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इसमें एनसीसी कैडेट्स ने हिस्सा लिया। शिविर में विशेषज्ञों ने सभी को आत्मरक्षा के लिए ताइक्वाडों से जुड़ी जानकारी दी। पंच, किक, अटैक और डिफेंस के तरीके बताए। इसके अलावा कैडेट्स को बचाव के तमाम सरल उपाय भी बताए। सुरक्षा से जुड़े सवालों का जवाब भी विशेषज्ञों ने दिया। ताइक्वांडो खिलाड़ी उत्कर्ष शर्मा, आर्यन सिंह, सुशील शर्मा, सविना खातून ने प्रदर्शन कर कैडेट्स को आत्मरक्षा के तरीकों की जानकारी दी।
आत्मरक्षा शिविर के मुख्य अतिथि एनसीसी के कैंप कमांडेंट कर्नल जोगिंदर सिंह ने बेटियों की सुरक्षा के लिए आत्मरक्षा के अधिकार, एंटी रोमियो स्क्वॉड, रानी लक्ष्मी बाई आत्मरक्षा अभियान, बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ आदि योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ताइक्वांडो, जूडो, कराटे सीख कर आप खुद के साथ ही दोस्तों और परिजनों की भी रक्षा कर सकती हैं। दुश्मन पर वार करने के लिए सिर्फ सेल्फ डिफेंस की तकनीक ही जानना जरूरी नहीं बल्कि खुद में हिम्मत जगाना भी जरूरी है। मेजर जगदीश यादव एवं मेजर अखिलेश्वर राव ने कहा कि आत्मरक्षा के साथ-साथ स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना होगा। संतुलित भोजन के साथ ही दिनचर्या संयमित होना चाहिए। लेफ्टिनेंट संजय कुमार सिंह एवं उमेश सिंह ने कहा कि बेटियों को निडर रहने की जरूर है। बेझिझक अपनी बातों को कहें। विपरीत हालात में आत्मरक्षा के हुनर कारगर साबित होंगे। उन्होंने सुरक्षा से जुड़े तमाम उपायों के बारे में बताया। इस दौरान लेफ्टिनेंट धर्मेंद्र सोनकर, चीफ अफसर, नागेंद्र श्रीवास्तव, सूबेदार कुलदीप सिंह, आत्माराम गुप्त आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि ने नारी गरिमा को अक्षुण्ण बनाने की शपथ दिलाई।
जानकारी भविष्य में काम आएगी
सौम्या पटेल ने कहा कि शिविर में मिली जानकारी भविष्य काम आएगी। विपरीत परिस्थितियों में डटकर मुकाबला करने के लिए इस ज्ञान का उपयोग होगा। ऐसे आयोजनों से बेटियों का मनोबल बढ़ता है।
छात्राओं का मनोबल बढ़ेगा
अनुप्रिया यादव ने कहा कि प्रशिक्षण से छात्राओं का मनोबल बढ़ेगा। शिविर में मिली जानकारी हमेशा काम आएगी। शिविर में मिले ज्ञान से आत्मबल बढ़ा है। आत्मरक्षा का गुर सभी को सीखना चाहिए।
एक-एक एक्शन करके दिखाया
रंजीता राय ने कहा कि आत्मरक्षा से जुड़ी बातों को सुनने के साथ-साथ उससे करके दिखाया गया। साथ ही ताइक्वांडो विशेषज्ञों ने बेहतर ढंग से एक- एक क्रिया को करके दिखाया। इससे आत्मरक्षा के तरीकों को समझने में आसानी हुई।
शिविर में बहुत कुछ सीखने को मिला
मीना प्राजापति ने कहा कि समाज में बदलाव आया है, लेकिन बेटियां नहीं छोड़ पा रही हैं। ऐसे कार्यक्रम से मन की झिझक दूर हुई है। शिविर में बहुत कुछ सीखने को मिला।