वृंदावन। श्यामा-श्याम से ही जुड़ी विरासतों का मौजूदा हाल चिंताजनक है। ब्रज के कुंड, घाट, वन, उपवन, कुंज निकुंज और यमुना का स्वर्णिम स्वरूप लौटाने को समवेत प्रयास होंगे। बुधवार, 12 फरवरी 2014 को अमर उजाला फाउंडेशन की संगोष्ठी ‘मुद्दा ब्रज विरासत का’ में यह संकल्प ‘ब्रजनाद’ बनकर गूंजा। इसमें संतों, जनप्रतिनिधियों, मनीषियों, समाजसेवियों और कान्हाभक्त ब्रजवासियों के स्वर शामिल थे।
संगोष्ठी रामकृष्ण मठ के सभागार में बुधवार को हुई। सबको एक जगह जुटाकर समाधान खोजने के अमर उजाला के अभिनव प्रयास को सबने सार्थक शुरूआत कहा। सबसे पहले अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलन किया। ब्रज वैभव की दशा-दुर्दशा पर अमर उजाला में प्रकाशित की जा रही शृंखला और वैष्णो देवी धाम, बौद्ध तीर्थों और ब्रज में पर्यटक सुविधाओं पर तुलनात्मक प्रेजेंटेशन से विषय स्थापना हुई। फिर सभागार में जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और ब्रजवासियों में सीधा संवाद हुआ। विकास की चाहत ब्रजवासियों के सवालों के तीर बनकर छूटती रही। अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने अपने जवाब से उन्हें संतुष्ट करने की कोशिश की। कई बार जवाब को पुन: सवालों का सामना करना पड़ा।
•अमर उजाला की संगोष्ठी का शुभारंभ कांग्रेस विधानमंडल के नेता प्रदीप माथुर, विधायक श्याम सुंदर शर्मा, वृंदावन नगरपालिका चेयरमैन मुकेश गौतम, श्रीवत्स गोस्वामी, मथुरा-वृंदावन विकास प्रधिकरण के उपाध्यक्ष नगेंद्र प्रताप, एएसआई के इंजीनियर एमसी शर्मा, पर्यटन अधिकारी डीके शर्मा और गोकुल के पंकज बाबा ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर किया।
•अमर उजाला की वृंदावन संगोष्ठी में प्राचीन स्वरूप लौटाने का संकल्प
•ब्रज हेरिटेज बोर्ड बनाने का सुझाव विकास प्राधिकरण ने शासन को भेजा
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