अलीगढ़। ब्रिलिएंट पब्लिक स्कूल में शुक्रवार को अमर उजाला फाउंडेशन के तत्वावधान में रक्षा सूत्र कार्यक्रम के तहत पुलिस की पाठशाला लगी। इसमें पुलिस अधिकारियों ने बच्चों को कानून की जानकारी दी। उनको बताया कि कैसे वह नियमों का पालन कर कानून की मदद कर सकते हैं। बच्चों ने भी सड़क से लेकर सलाखों के अंदर तक होने वाले अपराध तक पर सवाल पूछेl मुख्य अतिथि एसपी ट्रैफिक एके सिंह ने कहा कि अनुशासन के बिना कानून व्यवस्था बनाए रखने की कल्पना नहीं की जा सकती। पुलिस अपना रोल तभी बेहतर अदा कर सकती है, जब एक नागरिक अपने कर्तव्य का निर्वहन ठीक से करें। बच्चों को अनुशासन में रखने के लिए माता-पिता को समय-समय पर पुलिस की भूमिका अदा करनी चाहिए। इससे बच्चा न तो कानून तोड़ेगा बल्कि एक जिम्मेदार नागरिक भी बनेगा। न कानून तोड़ें न किसी को तोड़ने दें।
विशिष्ट अतिथि एवं मुख्य वक्ता सीओ सिविल लाइन सोमवीर सिंह ने कहा कि शिक्षा ग्रहण करने से ज्यादा जरूरी है शिक्षा का सदुपयोग। उन्होंने कई एक्ट की जानकारी दी। कानून के लिखित और व्यावहारिक पक्ष भी खुल कर पेश किए। पर्यावरणविद् सुबोध नंदन शर्मा ने जल संरक्षण और प्रकृति प्रेम पर विचार रखे। बच्चों को शेखा झील में आने का न्यौता दिया। अमर उजाला के संपादक अरुण आदित्य ने रक्षा सूत्र के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। ब्रिलिएंट पब्लिक स्कूल के निदेशक एवं प्रधानाचार्य श्याम कुंतेल ने अमर उजाला की इस पहल का स्वागत करते हुए छात्र-छात्राओं से नियम कानून की जानकारी करने के लिए सवाल पूछने का आह्वान किया। इससे पूर्व अतिथि गणों ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
ब्रिलिएंट पब्लिक स्कूल की कक्षा सात की छात्रा नव्या ने डा. विष्णु सक्सेना की रचना से प्रकृति प्रेम जगाया। वहीं शिक्षिका स्नेहलता ने अपनी रचना पढ़कर पुलिस के कठिन परिश्रम और परिस्थितियों को उजागर किया। वर्षा सिंह, महिमा त्यागी, अनुराग दीक्षित, खुशी रावत, खनक ने सरस्वती वंदना के साथ अतिथियों के सम्मान में स्वागत गान गाया। कार्यक्रम में ब्रिलिएंट पब्लिक स्कूल के हिंदी विभाग के प्रभारी डॉ. चंद्रशेखर शर्मा, सुधा सिंह, नीतेश, अंबिका वार्ष्णेय, सुदेश यादव आदि लोग से उपस्थित रहे। रक्षा सूत्र प्रश्नकाल के दौरान ब्रिलिएंट पब्लिक स्कूल की छात्रा निरूपमा ने घर से सड़क और स्कूल के रास्ते पर मिलने वाले अतिक्रमण की समस्या मुख्य अतिथि एसपी ट्रैफिक एके सिंह के सामने रखी। इस पर एसपी ने दो दिन में इस समस्या का निस्तारण कराने का आश्वासन दिया।
अमर उजाला सामाजिक सरोकार का दूसरा नाम है। यह कहना था मुख्य वक्ता सीओ सोमवीर सिंह का। वह कहते हैं कि अमर उजाला जैसे ही हाथों में आता है अतुल जी का 1983 का वाकया याद आ जाता है। उनका मुस्कराता हुआ चेहरा प्रेरणा देता है। मुख्य अतिथि एके सिंह ने कहा कि अमर उजाला जैसे ही सामने आएगा सामाजिक सरोकार जगा देगा। अमर उजाला का मतलब चित्रों और विज्ञापन के साथ खबरें देना नहीं है। इसका मतलब दायित्व का बोध कराना, जिम्मेदार नागरिक बनाना है।
पुलिस मदद के लिए करें फोन
1090 लखनऊ से संचालित महिला हेल्पलाइन, 1091 अलीगढ़ से संचालित महिला हेल्पलाइन, 1073 अलीगढ़ की ट्रैफिक पुलिस की हेल्पलाइन, 100 नंबर पुलिस कंट्रोल रूम, 101 फायर ब्रिगेड