फलक को जिद है जहां बिजलियां गिराने की, हमें भी जिद है वहीं आशियां बनाने की.. नवाचारी शिक्षक सोनम वांगचुग के सुनाए इस शेर ने मंगलवार, 17 सितंबर को चंडीगढ़ में आयोजित नज़रिया कार्यक्रम के चारों वक्ताओं के जीवन, कर्म और उनके वक्तव्य का सार समेट दिया। अमर उजाला फाउंडेशन की ओर से चंडीगढ़ के पीजीआई स्थित भार्गव आडिटोरियम में आयोजित ‘नजरिया- जो जीवन बदल दे’ में सोनम वांगचुग, आनंद मलिगावद, मोटीवेशनल स्पीकर विवेक अत्रे और फिल्म निर्माता संजय राउतरे ने ट्राईसिटी के युवाओं, एंटरप्रेन्योर, महिलाओं और बच्चों को नई लीक बनाने के हौसले वाले अनुभवों से सराबोर कर दिया।