अल्मोड़ा जिले में गगास नदी को सदाबहानी बनाने के लिए अमर उजाला फाउंडेशन द्वारा ग्रामीणों की मदद से अभियान चलाया जा रहा है। गावों ने अपने पुराने चाल खावों को सजाने के लिए कमर कसी है। उदयपुर और भटकोट के जंगल में आठ और नौ अप्रैल से मुहीम की शुरुआत की गई।
सदाबहानी गगास अभियान के तहत कैडारों घाटी के आधा दर्जन गांवों के लोगों ने अल्मोड़ा जिले के उदयपुर के जंगल से अपनी इस नई मुहीम की शुरुआत की। इस जंगल में गोमाटी, सुवरखाव, कौड़िया, भैसिंयाछान सहित दो दर्जन से अधिक बेहद पुराने खाव हैं। कभी जंगल में दुधारू पशुओं के साथ रहने वाले लोगों ने बारिश के पानी का उपयोग गर्मी के दिनों में करने के लिए इन खावों को बनाया था। लोग न सिर्फ अपने पुराने खावों की ओर लौट रहे हैं बल्कि इन खावों की देखरेख का संकल्प भी ले रहे हैं।
सदाबहानी गगास अभियान के तहत अल्मोड़ा जिले के उदयपुर के जंगल में स्थित सालों पुराने गौमाटी के खाव को ग्रामीण महिलाओं और बच्चों ने सुधारा।
इस मुहिम में राजकीय इंटर कॉलेज, बिन्ता के एनएसएस और एनसीसी के छात्रों ने उदयपुर के जंगल को देखा भाला और अपने दम पर कौड़िया खाव का सुधार किया और अपने गांव के बाकी पुराने खावों को सुधराने की कमान संभाली।