00 प्यार से बोलने वाला हर व्यक्ति शुभचिंतक नहीं
कानपुर के सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज में आयोजित पुलिस की पाठशाला में बच्चों को संबोधित टीएसआई शिव सिंह छोकर व अन्य
  Start Date: 24 Apr 2019
  End Date: 24 Apr 2019
  Location: कानपुर

अमर उजाला फाउंडेशन की ओर से बुधवार, 24 अप्रैल, 2019 को कानपुर के दामोदर नगर स्थित सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज में पुलिस की पाठशाला का आयोजन किया गयाl पाठशाला में छात्र-छात्राओं कोे रेलवे और ट्रैफिक नियमों के बारे में जानकारी दी गई। स्टेशन यार्ड मास्टर यशभान सिंह तोमर ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि ट्रेन में सफर करते वक्त अगर कोई अनजान व्यक्ति कोई चीज खाने-पीने को दे, तो वह न लें। कई बार लोग जहरखुरानी के शिकार हो जाते हैं। इस बीच चोर लुटेरे पैसे लूट कर भाग जाते हैं।

उन्होंने कहा कि यदि कभी यात्रा के दौरान तबीयत खराब हो जाए तो आरपीएफ, जीआरपी या टीईटी से तुरंत संपर्क करें। ताकि वह नजदीकी स्टेशन पर मरीज का इलाज करा सकें। टीएसआई शिव सिंह छोकर ने चार्ट के माध्यम से छात्राओं को ट्रैफिक सिग्नल और जेब्रा लाइन की जानकारी दी। उन्होंने छात्रों से कहा कि गाड़ी चलाते समय मोबाइल पर बात न करें, कोई करे तो उसे भी मना करें।

बच्चों को डायल-100 और वूमेन पॉवर लाइन- 1090 की कार्यप्रणाली के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वूमेन पावरलाइन 1090 से महिलाओं और छात्राओं में सुरक्षा की भावना बढ़ी है। छात्राएं ज्यादती से डरें नहीं, सहें नहीं, बल्कि मुकाबला करें। कार्यक्रम में विद्यालय के प्रबंधक ओमप्रकाश अग्रवाल, अध्यक्ष प्रमोद दादू, प्रधानाचार्य देवी दयाल त्रिपाठी, प्रियंका श्रीवास्तव, विकास जैन आदि लोग मौजूद रहे।

पुलिस की पाठशाला कार्यक्रम बेहद ही सराहनीय रहा। मुझे महिलाओं की बढ़ती आत्महत्याओं के मामले में शंका का समाधान करने का मौका मिला। - ईशा पांडेय, 11वीं की छात्रा

छेड़छाड़ की घटना करने वाले शोहदों से निपटने के लिए पाठशाला में महत्वपूर्ण जानकारियां दी गईं। अब कभी भी ऐसा स्थिति होने पर हम इसकी सूचना पुलिस को देंगेे और हेल्प लाइन की भी मदद लेंगे। - सिमरन मिश्रा, 12वीं की छात्रा

टीएसआई सर ने जिस सहजता से ट्रैफिक नियमों को बताए और हमारी समस्याओं को पूछा, वह प्रभावित करने वाला था। मुझे उनकी सलाह ने प्रभावित किया। - प्रियांशु पाल, 12वीं के छात्र

मेरे लिए पहला अनुभव था कि पुलिस अधिकारी से सीधे बातचीत का अवसर मिला। उनकी सलाह को ध्यान से सुना। अपने इस अनुभव को माता-पिता और रिश्तेदारों को शेयर करूंगा। - रुद्र प्रताप, 11वीं का छात्र

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