अमर उजाला फाउंडेशन की ओर से शनिवार, 6 जुलाई, 2019 को ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सोसाइटी अरिहंत आर्डेन में पुलिस की चौपाल का आयोजन किया गया। चौपाल में बतौर मुख्य अतिथि पुलिस क्षेत्राधिकारी तृतीय (सीओ) राजीव कुमार मौजूद रहे, उन्होंने बताया कि एक सर्वे के अनुसार 80 फीसदी से ज्यादा अपराध रात में होते हैं। रात में होनेवाले वारदात पर अंकुश लगाने के लिए बिल्डरों और सोसायटीवासियों का सहारा लेगी पुलिस।
सीओ राजीव कुमार ने कहा कि बिल्डरों और अपार्टमेंट ऑनर्स एसोसिएशन (एओए) से सोसायटी के बाहर रोशनी व्यवस्था पुख्ता करने को कहा जाएगा। जिससे अंधेरे में होने वाले अपराध को रोका जा सके। उन्होंने सोसायटी के अंदर और बाहर सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने की सलाह दी। सीसीटीवी कैमरा के अलावा एक सुरक्षाकर्मी भी तैनात होना चाहिए। सभी सुरक्षाकर्मी के पास चौकी प्रभारी, थाना प्रभारी और पीसीआर का नंबर होने चाहिए। संदेह होने पर तुरंत पुलिस को सूचना दें। मौके पर सीओ और बिसरख कोतवाली के प्रभारी मनोज पाठक ने लोगों के सवालों का जवाब दिया। साथ ही सुरक्षित माहौल देने का भरोसा दिलाया। चौपाल में सोसाइटी एओए के अध्यक्ष आरके शर्मा, महासचिव लोकेश त्यागी और अन्य पदाधिकारियों भी उपस्थित थे।
पुलिस बदलेगी क्राइम कंट्रोल की रणनीति
सीओ ने कहा कि ग्रेनो वेस्ट में पुलिस क्षेत्रफल की जगह जनसंख्या के हिसाब से सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने की रणनीति तैयार कर रही है। शनिवार को आईजी के साथ बैठक में इस मुद्दे को रखा गया है। क्षेत्र में बाहर से आने वाले बदमाशों को रोका जाएगा।
क्षेत्र में बढ़ाई जाएगी पीसीआर की गश्त
पुलिस की चौपाल में सीओ ने लोगों से सुरक्षा व्यवस्था केे कई प्लान साझा किए। उन्होंने बताया कि पीसीआर की गश्त बढ़ाई जाएगी। इसमें अच्छी छवि के बिल्डरों का सहयोग लिया जाएगा। बिल्डर एक गाड़ी और दो सुरक्षाकर्मी दें। उनके साथ एक पुलिसकर्मी होगा। जो दिनरात गश्त करेंगे।
एओए ने 15 दिन में व्यवस्था दुरुस्त करने को भरी हामी
सोसायटी की एओए ने सुरक्षा व्यवस्था को ओर बेहतर बनाने का वादा किया है। एओए के अध्यक्ष आरके शर्मा ने कहा कि सोसायटी के बाहर कैमरा व रोशनी की व्यवस्था 15 दिन के अंदर कर दी जाएगी। उन्होंने पुलिस से अपील की कि वारदात होने पर पीड़ित की तत्काल मदद की जाए। साथ ही लोगों से कहा कि वारदात होने के बाद तुरंत 100 नंबर पर फोन करें।
लोगों के सवाल व सुझाव
- सोसायटियों के बाहर पुलिस दिखनी चाहिए। साथ ही हर सोसाइटी के गेट पर एक रजिस्टर होना चाहिए। जिसमें हर गश्त के समय पुलिस कर्मी हस्ताक्षर करें। - वीके राय
सीओ- यह अच्छा सुझाव है। सोसायटी के गेट पर रजिस्टर रखने की व्यवस्था जल्द की जाएगी। गश्त बढ़ाने का प्रयास भी चल रहा है।
- सड़क पर चलते समय बाइक सवार बदमाशों से कैसे बचा जाए। सोसाइटी के बाहर दुकान है, क्या उसकी अनुमति ली गई है। पार्क में लोग शराब पीते हैं। आपसी नोकझोंक को कैसे दूर करें। - भारती जायसवाल
सीओ- सतर्क रहें। रोड पर चलते समय फोन का सही इस्तेमाल करें। दुकान लगाने की अनुमति किसी ने नहीं दी। इसकी प्राधिकरण से शिकायत करें। शराब पीने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
- साइबर क्राइम के पीड़िताें को थानों के चक्कर काटने पड़ते हैं। ग्रेटर नोएडा में रहने वाले पीड़ितों के लिए कोई सुविधा नहीं है। - राकेश जैन
सीओ- नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अलग-अलग थाने निर्धारित कर दिए गए हैं। अगर साइबर अपराध होता है तो ग्रेनो के सूरजपर थाने में शिकायत करें।
- एटीएम से पैसे निकलने में धोखाधड़ी हो रही हैै। आपने कहा कि जहां सुरक्षाकर्मी नहीं है, उस एटीएम का प्रयोग नहीं करें। यहां एटीएम की संख्या कम है, पुलिस को सुरक्षाकर्मी रखवाने चाहिए। - आशीष कुशवाहा
सीओ- इस संबंध में समय-समय पर लीड बैंक को बोला जाता है। कई एटीएम बूथ पर सुरक्षाकर्मी तैनात भी किए गए हैं। जहां पर नहीं हैं, रात में उन एटीएम को बंद करवा दिया जाता है।
- एक साल पहले पीवीआर वैन शुरू की थी। अब उसकी फ्रीक्वेंसी बहुत कम है। वह बढ़नी चाहिए। बिसरख चौराहे पर लगातार चेकिंग होनी चाहिए। - मनीष कुमार
सीओ- खुले में शराब पीने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी। इसको लेकर बिसरख चौराहे पर पर लगातार चेकिंग की जाएगी। पीवीआर की गश्त बढ़ाने पर भी प्रयास किया जाएगा।
- सड़क पर चलना सुरक्षित नहीं है। इससे कैसे निजात मिलेगी। एक दिन पतवाड़ी से आते समय लूटने से बचा था। - रवि कुमार अग्रवाल
बिसरख थाना प्रभारी- ज्यादातर लोग घर पर बात नहीं करते। सड़क पर खड़े होकर घंटो बात करते है। ऐसा कर वो खुद अपराध को न्यौता देते है। उनका ऐसा नहीं करना चाहिए।
सुरक्षा एजेंसी किसी को भी अंदर आने देती है। सत्यापन से पहले किसी को अंदर नहीं आने दें। साथ ही सुरक्षाकर्मियों का भी सत्यापन होना चाहिए। - कुशल जायसवाल
एओए के महासचिव का जवाब- सत्यापन के बिना किसी को सोसायटी में आने नहीं दिया जाता है। अगर सोसायटी के किसी निवासी के परिचित है तो उनको केवल तीन दिन का समय दिया जाता है। अगर सत्यापन नहीं कराते है तो उनको बाहर निकाल दिया जाता है।