अमर उजाला ने शिक्षा और करियर को लेकर शुक्रवार, 26 जून, 2020 को शाम पांच बजे से वेबिनार का आयोजन किया, जिसमें शिक्षा जगत की नामचीन हस्तियों ने छात्रों को काफी उपयोगी टिप्स दिए। इस वेबिनार में काफी संख्या में छात्रों और अभिभावकों ने रजिस्ट्रेशन कराया और हिस्सा लिया। इस वेबिनार का प्रसारण जूम एप के साथ ही अमर उजाला डॉट कॉम के फेसबुक और यूट्यूब पेज पर भी किया गया।
कार्यक्रम में शिक्षा एवं कॅरियर जगत के चार विशेषज्ञों ने छात्रों का मार्गदर्शन किया। छात्रों और उनके माता-पिता ने अपने बच्चों के करियर को लेकर विशेषज्ञों से काफी सवाल भी पूछे। इस वेबिनार में जानी मानी करियर विशेषज्ञ परवीन मल्होत्रा, सुनंदा राव, गौरव सचदेवा और सौरभ नंदा ने छात्रों का मार्गदर्शन किया।
छात्रों को स्वास्थ्य का भी रखना चाहिए ध्यान
एक सवाल के जवाब में परवीन मल्होत्रा ने कहा कि आपको अपने स्वास्थ्य और फिटनेस पर ध्यान देना बेहद जरूरी है, क्योंकि हम आजकल कई-कई घंटे मोबाइल और कम्प्यूटर के सामने बैठते हैं। इसके बाद हम बिल्कुल भी वर्कआउट नहीं करते हैं। इसलिए जरूरी है कि हम स्वस्थ रहें ताकि आगे कुछ कर सकें। उन्होंने कहा कि छात्रों को सबसे सलाह लेने के बाद ही सही फैसला करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अभिभावकों को बच्चों पर बिल्कुल भी दवाब नहीं बनाना चाहिए। परवीन ने सुशांत सिंह राजपूत का उदाहरण देते हुए कहा कि सबकुछ होता है लेकिन अगर आप खुश नहीं हैं तो वह सब बेकार हो जाता है। इसलिए करियर बनाने से पहले पढ़ाई करने के साथ-साथ आपका खुश रहना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि टेक्नॉलोजी से दोस्ती कर लीजिए। टेक्नोलॉजी आपको सिखाती है।
कॉमर्स के छात्रों के लिए क्या संभावनाएं हैं? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस विषय में छात्रों के पास बहुत संभावनाएं और अवसर हैं। कॉमर्स के छात्र सीए, सीएफए, सीएस कर सकते हैं। वे फाइनेंस प्लानर, बैंकिंग सेक्टर, स्टॉक मार्केट सहित बहुत विकल्प हैं जिनमें अपना करियर बना सकते हैं।
कमजोर बच्चे ले सकते हैं इंटरनेट का सहारा
ई-लर्निंग एक्सपर्ट एवं एजुकेशन साइकोलॉजिस्ट सौरभ नंदा ने कहा कि जब आप पढ़ाई के लिए देश से बाहर जाते हैं तो आपको अंग्रेजी पर ज्यादा फोकस करना होता है। इसके लिए बाहर की यूनिवर्सिटी टोफेल टेस्ट कराती हैं। जिसमें देखा जाता कि आपकी अंग्रेजी कैसी है। अगर आपको यूनिवर्सिटी पढ़ने का मौका देती है तो क्या आप अंग्रेजी समझ पाएंगे। इसके लिए ही यह टेस्ट कराया जाता है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अगर आपने अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई की है तो आप ईमेल के जरिए सीधे यूनिवर्सिटी से भी बात कर सकते हैं और बता सकते हैं कि आपने अंग्रेजी मीडियम से पढ़ाई की है। ऐसे में आपको टोफेल टेस्ट देने की जरूरत नहीं है क्योंकि वह भारतीय शिक्षा प्रणाली को समझते हैं।
अगर कोई बच्चा पढ़ाई में कमजोर है और वह पढ़ना चाहता है तो वह कैसे पढ़ाई पर ध्यान लगाए, इस सवाल पर सौरभ ने कहा कि ऐसे में वह इंटनेट का सहारा ले सकता है। वह डॉक्यूमेंट्री और कार्टून या फिर वीडियो को जिन्हें देखकर चीजों को आसानी से समझ सकता है। आज इंटरनेट पर सबकुछ उपलब्ध है जिसके माध्यम से वह तैयारी कर सकते हैं।
सौरभ नंदा ने मौजूदा स्थिति पर कहा कि कोरोना वायरस से जिंदगी धीमी जरूर हुई है लेकिन रुकी नहीं है। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी में बहुत तेजी से नौकरियां बढ़ने वाली हैं। वायरस की वजह से घबराना नहीं है क्योंकि बहुत जल्द ही कई बदलाव होने वाले हैं।
छात्रों को अखबार पढ़ने की आदत डालनी चाहिए
स्ट्रीम सेलेक्शन एक्सपर्ट गौरव सचदेवा ने एक सवाल के जवाब में कहा कि ग्रेजुएशन के साथ-साथ आईएएस की भी तैयारी की जा सकती है। उन्होंने कहा कि इसके लिए छात्रों को प्रतिदिन अखबार पढ़ना चाहिए। एनसीईआरटी की कक्षा 6 से 12 तक की किताबों को पढ़ना चाहिए। वह भी कम से कम तीन चार बार, करंट अफेयर्स पर ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यूट्यूब पर बहुत सारी ऑनलाइन क्लास चल रही हैं उन्हें भी देखना चाहिए और लगातार पढ़ाई करनी चाहिए। प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद मुख्य परीक्षा के लिए विषयों को चुनना होता है। फिर आगे उसी हिसाब से तैयारी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विज्ञान के विद्यार्थियों के पास काफी विकल्प होते हैं।
लड़कियां मास कम्यूनिकेशन में कैसे करियर बनाएं, इस पर उन्होंने कहा कि आप कहीं से भी शुरूआत कर सकती हैं। आप रेडियो जॉकी, मैनेजमेंट, एंकर, डिजिटल मार्केटिंग, डिजाइनिंग, रिपोर्टिंग या अन्य विषय जिसमें आपकी रुचि हो उसे चुन सकते हैं। इस फील्ड में काफी संभावनाएं हैं लेकिन उसके लिए आपको 24 घंटे एक्टिव रहना पड़ता है। देश दुनिया से अपडेट रहना पड़ता है।
मुश्किल वक्त में घबराएं नहीं
प्रमाणित कॅरियर कोच और साइकोमेट्रिक व माइंड मैपिंग विशेषज्ञ सुनंदा राव ने कहा कि एमबीए करने वाले छात्रों के पास भी काफी संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि छात्रों को समय का सही इस्तेमाल करना चाहिए। मौजूदा स्थिति को देखते हुए उन्हें इंटरनेट का सहारा लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से परेशान होने की जरूरत नहीं है। यह समय जल्दी गुजर जाएगा। उन्होंने अभिभावकों से आग्रह किया कि वे बच्चों को डीफोकस न करें। बल्कि उनको प्रोत्साहित करें और खुश रहने दें।
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