अमर उजाला फाउंडेशन द्वारा संचालित अतुल माहेश्वरी छात्रवृत्ति- 2018 के लिए चयनित 38 छात्र-छात्राओं को शुक्रवार, 1 फरवरी, 2019 को नई दिल्ली स्थित 15, सफदरजंग में रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने आवास पर सम्मानित किया। विभिन्न राज्यों के 38 बच्चों को सम्मानित करने के बाद रक्षामंत्री ने सभी बच्चों के साथ एक-एक कर मुलाकात की। बच्चों से उनके मन की बात जानी। बच्चों ने जब उनसे अपने लक्ष्य की बात बताई तो सीतारमण ने न केवल उनका हौसला बढ़ाया, बल्कि उन्हें सुझाव भी दिए।
इस मौके पर रक्षामंत्री ने अमर उजाला फाउंडेशन पहल की सराहना की और कहा कि दूर-दराज के स्कूली बच्चों को अपनी पहचान का अवसर देना आसान काम नहीं है। भाजपा सांसद अनिल बलूनी की मौजूदगी में हुए समारोह के दौरान रक्षामंत्री ने कहा, स्कॉलरशिप देना तो ठीक है, मगर इससे बड़ी बात है कि ऐसी पहल से बच्चों का हौसला बढ़ता है। वे यह सोचकर पढ़ाई में अधिक ध्यान लगाते हैं कि राह मुश्किल भी हुई तो कोई बात नहीं, मदद के लिए कोई आ जाएगा। अतुल माहेश्वरी छात्रवृत्ति के इस सम्मान समारोह से बच्चों को उनके लक्ष्य तक पहुंचने में बड़ी मदद मिलेगी।
रक्षामंत्री ने कहा कि हमारे यहां पैसे की कमी नहीं है। बड़ी बात यह है कि वह पैसा सही समय पर लाभार्थियों तक पहुंच जाए। बच्चों को ऐसे आयोजनों के जरिए अपने मन के आइडिये को दुनिया के सामने रखने का मौका मिलता है। सम्मान पाने वाले छात्रों में 36 सामान्य व दो विशेष छात्र शामिल हैं। बता दें कि अतुल माहेश्वरी छात्रवृत्ति-2018 के लिए डेढ़ लाख से अधिक छात्रों ने परीक्षा दी थी। इसी परीक्षा के आधार पर 38 विजेता छात्र चयनित किए गए हैं। अतुल माहेश्वरी छात्रवृत्ति-2018 पाने वाले विद्यार्थियों के परिवार की सालाना आय डेढ़ लाख रुपये से कम है और ये सभी छात्र अपने-अपने राज्य शिक्षा बोर्ड के तहत सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं।
यूपी, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ से आए ग्रामीण परिवेश के बच्चों से जब देश की रक्षामंत्री इतनी खुलकर मिली तो उनका जोश दोगुना हो गया। रक्षामंत्री ने हर एक बच्चे के साथ अलग से मुलाकात की। सभी से पूछा कि वे क्या बनना चाहते हैं। अधिकांश बच्चों ने कहा, वे आईएएस बनना पसंद करेंगे। कुमारी अमर ज्योति से जब रक्षामंत्री ने पूछा कि वह क्या बनेगी तो जवाब मिला, मैं अंतरिक्ष यात्री बनना चाहती हूं। इस पर निर्मला सीतारमण ने उस छात्रा के कंधों पर हाथ रखते हुए कहा, हमारी सरकार ने गगनयान योजना शुरु कर दी है। चिंता मत करो, दो-तीन साल बाद तुम्हारा नंबर भी आ सकता है।
उन्होंने बातों बातों में इन बच्चों का सामान्य ज्ञान भी जांचा। किसी से उनके साथ वाले जिले का नाम पूछा तो अन्य बच्चों से उनके लक्ष्य तक पहुंचने की राह समझी। एक बच्चे ने कहा कि वह फौज में भर्ती होना चाहता है तो रक्षामंत्री ने पूछा कौन सी फौज में। बच्चे ने भी बिना किसी देरी के जवाब दिया कि उसने थलसेना में भर्ती होने का लक्ष्य रखा है।
इस दौरान चयनित छात्रों ने दिल्ली भ्रमण किया, इस क्रम में बच्चों ने इंडिया गेट, डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम मेमोरियल और भारतीय रेल संग्रहालय का दर्शन किया। इन विद्यार्थियों का कहना था कि हम अन्य छात्रों को भी कठिन परिश्रम से आगे बढ़ने का संदेश देते हैं। कठिन परिश्रम के चलते ही हमें अतुल माहेश्वरी छात्रवृत्ति-2018 मिली है। इसी कारण अब हमें दिल्ली घूमने का मौका भी मिला है। छात्रवृत्ति के चलते हम अपनी आगे की पढ़ाई आसानी से करते हुए अपने सपने सच कर पाएंगे।