00 स्मार्ट बेटियां | अपनी गलती बेटियों को नहीं दोहराने देगी सरस्वती

सरस्वती देवी की कहानी एक आम ग्रामीण भारतीय परिवार की कहानी जैसी ही है। कम उम्र में शादी। एक के बाद एक बच्चे पैदा होना। किसी विपदा के बाद घर में कमाई बंद हो जाना और फिर जिंदगी का घिसट घिसट कर बढ़ना। सरस्वती देवी बलरामपुर जिले की पचपेडवा पोस्ट के गांव आजमडीह में रहती हैं। उनके परिवार में चार बेटे और दो बेटियां हैं। वे कहती हैं कि कम उम्र में ब्याह के कारण उन्हें जीवन में ब‌हुत तकलीफें झेलनी पड़ीं।

एक समय ऐसा भी आया जब घर में कोई भी कमाने वाला नहीं बचा। कई बार नौकरी या काम धंधे की सोची लेकिन पढ़ाई कम होने के कारण साहस नहीं जुटा सकीं। अब वे अपने सब बच्चों को स्कूल में पढ़ा रही हैं। वे कहती हैं जो मेरे साथ हुआ, वह मेरी बेटियों के साथ नहीं होगा। स्मार्ट बेटियां अभियान से जुड़ी इंटरनेट साथी नीतू पांडे ने यह वीडियो कथा बनाकर अमर उजाला को भेजी है।

अमर उजाला फाउंडेशन, यूनिसेफ, फ्रेंड, फिया फाउंडेशन और जे.एम.सी. के साझा अभियान स्मार्ट बेटियां के तहत श्रावस्ती और बलरामपुर जिले में एक अभियान चला रहा है। इसके तहत 150 किशोरियों-लड़कियों को अपने मोबाइल फोन से बाल विवाह के खिलाफ काम करने वालों की ऐसी ही सच्ची कहानियां बनाने का संक्षिप्त प्रशिक्षण दिया गया है। इन स्मार्ट बेटियों की भेजी कहानियों को ही हम यहां आपके सामने पेश कर रहे हैं।

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