00 स्मार्ट बेटियां | बढ़ने के लिए कोचिंग पढ़ाई, ननिहाल रही पुलिस सेवा में जाने की जिद है मीरा की

अनपढ़ चंपा देवी की समझदारी और हिम्मत बहुतेरे पढ़े-लिखों से बेहतर है। बेहद कठिन हालात के बावजूद वह अपनी बेटी का विवाह 18 साल की उम्र होने के बाद ही करने की जिद ठाने हैं। बाल विवाह न करने के पीछे के तर्क चंपा देवी की प्रगतिशील सोच को बयां करते हैं। अपनी बच्ची का वर्तमान और भविष्य चौपट होने से बचाना है तो उसे 18 साल से पहले ब्याहने की सोचो भी मत—  दो टूक शब्दों में कहती हैं जमुनहा ब्लॉक के भरथा गांव की चंपा देवी। 

श्रावस्ती के तमाम गांवों से अलग भरथा की समस्याएं कुछ ज्यादा ही रही हैं। चंपा देवी और पति धनीराम यादव का घर और खेत बाढ़ में कट गये थे। मजदूरी करके किसी तरह से दो बेटियों और तीन बेटों को पाला-पोसा है इस दंपति ने। उनकी 14 साल की बड़ी बेटी के लिए ही गांव वालों ने विवाह का दबाव बनाना चाहा तो चंपा देवी ने साफ मना कर दिया। सब तरह के कष्ट सहकर भी वे अडिग हैं कि बेटी को समय से किसी भी सूरत में नहीं ब्याहेंगी।

स्मार्ट बेटियां अभियान से जुड़ी इंटरनेट साथी मीरा देवी ने यह वीडियो कथा बनाकर अमर उजाला को भेजी है।

अमर उजाला फाउंडेशन, यूनिसेफ, फ्रेंड, फिया फाउंडेशन और जे.एम.सी. के साझा  अभियान स्मार्ट बेटियां के तहत श्रावस्ती और बलरामपुर जिले की 150 किशोरियों-लड़कियों को अपने मोबाइल फोन से बाल विवाह के खिलाफ काम करने वालों की ऐसी ही सच्ची और प्रेरक कहानियां बनाने का संक्षिप्त प्रशिक्षण दिया गया है। इन स्मार्ट बेटियों की भेजी कहानियों को ही हम यहां आपके सामने पेश कर रहे हैं।

Share:

Related Articles:

0

Disclaimer

हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।