अमर उजाला फाउंडेशन की ओर से मंगलवार, 03 मई, 2016 को करनाल के सेक्टर-13 स्थित ओ.पी.एस. विद्या मंदिर में रक्षा सूत्र कार्यक्रम के तहत पुलिस की पाठशाला का आयोजन किया गयाl इसमें पुलिस अधीक्षक पंकज नैन ने विद्यार्थियों को ट्रैफिक नियमों का पाठ पढ़ाया। उन्होंने कहा कि देश में हर वर्ष करोड़ों लोग सड़क हादसों में मौत का शिकार होते हैं। यदि कर्ण नगरी की बात करें तो शहर में ही सौ से अधिक लोग सड़क हादसों में अपनी जान गवां रहे हैं। इससे सबसे अधिक संख्या युवाओं की है। उन्होंने कहा कि सरहदों पर जाकर लड़ना ही देश सेवा नहीं है, नागरिक कर्तव्यों का पालन करना भी समाज सेवा है।
छात्र-छात्राओं से सीधा संवाद करते हुए एसपी ने कहा कि पुलिस अपना रोल तभी निभा सकती है, जब समाज के लोग साथ दें, साथ ही एसपी ने बच्चों को यातायात नियमों के पालन की शपथ भी दिलाई। अनुशासन के बिना कानून व्यवस्था बनाए रखने की कल्पना नहीं की जा सकती। बच्चे को अनुशासन में रखने के लिए माता-पिता को समय-समय पर पुलिस की भूमिका अदा करनी चाहिए। इससे बच्चा न तो कानून तोड़ेगा, बल्कि एक जिम्मेदार नागरिक भी बनेगा। न कानून तोड़ें न किसी को तोड़ने दें।
एसपी ने सभी अभिभावकों से आह्वान किया कि वे अपने बच्चों को संस्कारों में अनुशासन के साथ-साथ ट्रैफिक नियम जरूर बताएं। एसपी ने बताया कि देखने में आया है कि यातायात नियमों की अवहेलना ज्यादा बच्चे और युवा करते हैं। स्कूलों में बच्चे स्कूटी व बाइक आदि से आते हैं, लेकिन हेलमेट नहीं पहनने के कारण कई बार हादसों का शिकार हो जाते हैं। एसपी ने कहा कि स्कूली बच्चे जोश में और एक दूसरे आगे निकलने की होड़ में हादसों का शिकार होते हैं। क्योंकि वे हेलमेट नहीं डालते हैं। इसलिए स्कूल प्रबंधनों के साथ साथ अभिभावकों की भी जिम्मेदारी बनती है कि जब उनके बच्चे बाइक व स्कूटी लेकर निकलें तो उनको चाबी तभी दें, जब वे हेलमेट पहनें।
इस मामले में सख्ती के साथ- साथ बच्चों को समझाना भी जरूरी है। पुलिस अधीक्षक पंकज नैन कहा कि हादसों से बचने के लिए जहां नियमों का पालन जरूरी है, वहीं जरूरी है कि स्कूली छात्र साइकिल का प्रयोग करें। एसपी ने यह भी आश्वासन दिया कि जल्द ही शहर में साइकिल ट्रैक बनाए जाएंगे, ताकि साइकिल से आने जाने वालों को कोई परेशानी न आए। इसके अलावा, शहर को जाम से मुक्ति दिलाने व प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए प्रशासन द्वारा हर मंगलवार को कार फ्री डे की मुहिम शुरू की है। इसमें शहर की जनता व स्कूली बच्चों से उन्हें पूरा सहयोग मिला है।
एसपी ने बच्चों के साथ होने वाली घटनाओं को लेकर कहा कि बच्चों को डरने की जरूरत नहीं है, घटना को दबाएं नहीं पुलिस को बताएं। अगर उनके साथ कुछ गलत होता है तो पुलिस को इसकी जानकारी दें। वहीं बेटियों के लिए 1091 हेल्पलाइन नंबर जारी किया हुआ है। खासकर छात्राएं खुद को कमजोर न समझें, ऐसे मामलों के लिए महिला थाने खोले गए हैं। किसी भी समय पर इस पर घटना व वारदात की जानकारी दी जा सकती है। विद्यालय की प्रधानाचार्या डॉ. जसजीत सूद ने बच्चों को यातायात नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित किया और कहा कि अमर उजाला फाउंडेशन की पहल सराहनीय है।