भारत-नेपाल बॉर्डर से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित, चम्पावत ज़िले में टनकपुर तहसील के गाँव थापलियाल खेड़ा में 1 सितंबर को अमर उजाला फाउंडेशन द्वारा स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। थापलियाल खेड़ा भारत का इकलौता ऐसा गाँव है जो 3 छोर से नेपाल से और 1 छोर से भारत से जुड़ा हुआ है। हालांकि इस गाँंव में बिजली, पानी या स्वास्थ्य सुविधाएँ अब तक नहीं पहुँच पायी हैं, पर सीमा सुरक्षा बल की मदद से एक प्राथमिक विद्यालय की स्थापना की गयी है।
इसी विद्यालय के माध्यम से मंगलवार को टनकपुर ज़िला अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर डॉ. एम. शाहिद और डॉ.डी.सी.गहतोरी ने इस शिविर में 150 लोगों की जाँच की और फाउंडेशन की तरफ़ से मुफ्त दवाइयाँ बाँटी। खास बात यह है कि इन 150 लोगों में से लगभग 60 लोग बॉर्डर के दूसरी तरफ से, यानी नेपाल से, स्वास्थ्य परीक्षण करवाने आये थे। स्थानीय लोगों ने नेपाल से आये हुए लोगों का खूब सहयोग किया। नेपाल से आये श्री दुर्गा पंत जी का कहना था कि थापलियाल खेड़ा से उनका वही रिश्ता है जो तवा और रोटी का होता है।
थापलियाल खेड़ा नेपाल से लगा हुआ गाँव है। सड़कें न होने के कारण यह गाँव अब तक सरकारी सुविधाओं से वंचित भी है और इस गाँव की तरफ़ प्रशासन का ध्यान भी आकर्षित नहीं हो पाता। वहीं सीमा के दूसरी तरफ नेपाल के गाँवों में भी सुविधाओं की कमी के कारण, बॉर्डर पार से लोगों का तांता लगातार कैम्प में लगा रहा। लोगों ने बताया कि नेपाल में सबसे करीबी अस्पताल 25 किलोमीटर की दूरी पर है।
थापलियाल खेड़ा में यह दूसरी बार था कि स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। पहली बार अब से एक साल पहले डॉ. शाहिद अपनी टीम लेकर इस गांव में पहुँचे थे, पर दवाओं के अभाव के कारण ज़्यादा लोगों को लाभान्वित नहीं कर पाये थे। अमर उजाला फांउडेशन की टीम दवाइयों और खून की जाँच की किट कंधों पर ढो कर, नहर पार कर इस गाँव तक पहुँची और लोगों को लाभान्वित किया।
थापलियाल खेड़ा के लोग उतनी ही अच्छी नेपाली बोल रहे थे, जितनी अच्छी हिन्दी नेपाली लोग बोल रहे थे। दिन भर साथ रहे सीमा सुरक्षा बल के ए.एस.आई. श्री महेश जोशी जी और उनकी टीम ने भी नेपाल से आये सभी मित्रों का अभिनंदन किया और इस कैम्प की सराहना भी की।
कैम्प में कैल्शियम की कमी, पानी से होने वाली बिमारियाँ, दाने, खुजली, बुखार एवं घुटनों के दर्द की समस्याएँ ज़्यादा देखने को मिली। कुछ ऐसे भी पीड़ित आए जिनको तुरंत टनकपुर स्वास्थ्य केन्द्र पर इलाज कराने को बताया गया।