00 जानलेवा बीमारी से ग्रस्त मास्टर अंकित को मिला नया जीवन।
जानलेवा बीमारी से ग्रस्त मास्टर अंकित को मिला नया जीवन।

दिल की बीमारियां जहां भारतीय लोगों में तेजी से बढ़ रही हैं। वहीं इसी से जुड़ी एक बीमारी है एबस्टीन एनोमेली। यह दुर्लभ बीमारी एक तरह की विसंगति है, जिसे दिल में रक्त प्रवाह से जोड़कर देखा जाता है। इसी बीमारी से ग्रस्त 7 वर्षीय मास्टर अंकित को केंद्र सरकार के नई दिल्ली स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल (आरएमएल) के डॉक्टरों ने नया जीवन दिया है। गुरूवार, 13 सितंबर को आरएमएल के सीटीवीएस विभागाध्यक्ष डॉ. विजय गुप्ता की निगरानी में मास्टर अंकित का ऑपरेशन सफल हुआ है। डॉक्टरों के अनुसार अंकित को फिलहाल विशेष निगरानी में रखा गया है। यूपी के अलीगढ़ के इग्लास स्थित मास्टर कॉलोनी निवासी अंकित का इलाज अमर उजाला फाउंडेशन के सहयोग से आरएमएल में शुरू हुआ था। 

 

गौरतलब हो कि निर्धन परिवार में जन्मा अंकित जन्म से ही इस दुर्लभ बीमारी से ग्रस्त था। परिजन भी इससे अनजान थे, लेकिन सामान्य बच्चों से अंकित की क्रियाओं को सुस्त गति से देख उन्हें संदेह हुआ। तकलीफ बढऩे पर अंकित को अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज में दिखा गया। जहां से डॉक्टरों ने इसे दिल्ली स्थित जीबी पंत सुपर स्पेशलिटी अस्पताल रैफर किया। चूंकि जीबी पंत में वेटिंग सूची कई माह लंबी थी। इसलिए आरएमएल के डॉक्टरों ने अंकित की तकलीफ दूर करने का निर्णय लिया। तमाम कागजी कार्रवाई होने के बाद अमर उजाला फाउंडेशन ने सहायता राशि जुटाकर अंकित का ऑपरेशन कराया।

आरएमएल के डॉ. विजय कुमार गुप्ता ने बताया कि एबस्टीन एनोमेली नामक ये बीमारी दिल से जुड़ी है। आमतौर पर इंसान के दिल में चार वाल्व होते हैं। एबस्टीन एनोमेली की वजह से रक्त निचले से ऊपरी चैंबर के बीच रिसता है। इसके कारण श्वसन प्रक्रिया भी प्रभावित होती है। डॉक्टर गुप्ता का कहना है कि इस बीमारी के कारण अचानक से हार्ट अटैक हो सकता है। इसके कारण इंसान की मौत होने की आशंका कई गुना ज्यादा रहती है। उन्होंने बताया कि अंकित को जन्म से ही ये परेशानी थी। चूंकि उम्र कम के साथ साथ शारीरिक रुप से अंकित काफी कमजोर था। इसलिए करीब 15 दिन की विशेष निगरानी के बाद अंकित का ऑपरेशन किया गया। उन्होंने बताया कि संक्रमण से बचाने के लिए फिलहाल अंकित को आईसीयू में रखा है। अभी कुछ दिन और अस्पताल में रहने के बाद उसे घर सकुशल भेज दिया जाएगा।

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