अमर उजाला फाउंडेशन और माइन्ड्स इग्नाइटेड के संयुक्त तत्वावधान में रविवार, 25 मार्च, 2018 को आगरा के खंदारी रोड स्थित डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय के जे. पी. सभागार परिसर में ‘नजरिया जो जीवन बदल दे’ कार्यक्रम का आयोजन किया गयाl आगरावासियों के लिए रविवार की शाम बेहद खास और बहुत खुशनुमा रही। अंतरराष्ट्रीय स्तर के वक्ताओं- पवन दुग्गल (साइबर विशेषज्ञ), डॉ. समीर पारीख (मनोचिकित्सक), जगदीप छोकर (नागरिक अधिकार कार्यकर्ता) और बालेन्दु दाधीच (टेक्नोलॉजी के सहारे भारतीय भाषाओँ के भविष्य पर काम करने वाले विशेषज्ञ) ने अपने-अपने अनुभवी और सटीक व्याख्यानों से श्रोताओं को जीवनोपयोगी जानकारी से रोमांचित किया और बदलते दौर की तेजी से बदलती तकनीकी के फायदे-नुकसान समझाने के साथ रिश्तों की अहमियत पर रोशनी डाली।
अनुभव सिद्ध विचारों से बताया कि नजरिया बदलने से जिंदगी में सकारात्मक परिवर्तन लाए जा सकते हैं। अगर हम रिश्तों में निवेश करते हैं, उनको तवज्जो देते हैं, परिवार को समय देते हैं, तो निश्चित रूप से जीवन में खुशहाली आ सकती हैं।
शुभारंभ मुख्य अतिथि मंडलायुक्त के. राममोहन राव ने वक्ताओं के साथ दीप प्रज्ज्वलित कर किया। मंडलायुक्त ने कहा कि आधुनिक तकनीक ने दुनिया को मुठ्ठी में तो बंद कर दिया है लेकिन लोगों को दूर कर दिया है। जीवन को सरल बनाने उपकरण, जरूरत से ज्यादा जरूरी बन गए हैं। इसमें बदलाव की जरूरत है। लोग सोचते हैं कि पैसे ज्यादा बढ़ने से खुशियां बढ़ती हैं लेकिन ऐसा नहीं हैl लोगों को सकारात्मक सोच रखनी चाहिए। इसके बाद शुरू हुआ जिंदगी को गहराई से प्रभावित करने वाले मुद्दों पर चार अंतरराष्ट्रीय वक्ताओं के संवाद का सिलसिला।
साइबर कानूनों और साइबर सुरक्षा की चुनौतियों पर साइबर विशेषज्ञ पवन दुग्गल, ‘मानसिक स्वास्थ्य और मजबूत व्यक्तित्व’ पर डॉ. समीर पारिख, टेक्नोलॉजी और भारतीय भाषाओं पर माइक्रोसॉफ्ट के बालेंदु शर्मा दाधीच और सजग नागरिकता पर जगदीश छोकर ने सीधा संवाद किया। इस बीच युवा कवि पवन आगरी ने अपनी प्रस्तुति से शहरवासियों को गुदगुदाया। पुनीत कुसुम ने अपने मुक्तक के माध्यम से गंभीर विषयों को उठाया। प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना दिव्या गोस्वामी दीक्षित के नृत्य ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।