00 जौनपुर के मो. हसन पीजी कॉलेज में हुई पुलिस की पाठशाला
नपुर के मोहम्मद हसन पीजी कालेज में पुलिस की पाठशाला
  Start Date: 29 Mar 2019
  End Date: 29 Mar 2019
  Location: जौनपुर

अमर उजाला फाउंडेशन के अभियान अपराजिता- 100 मिलियन स्माइल्स के तहत शुक्रवार, 29 मार्च, 2019 को जौनपुर के मोहम्मद हसन पीजी कालेज में पुलिस की पाठशाला का आयोजन किया गया। पाठशाला में एसपी आशीष तिवारी ने छात्रों को संबोधित करते हुए सफलता, लक्ष्य और उनके भविष्य को लेकर विस्तार से संवाद किया। उन्होंने कहा कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। इसलिए अपने भविष्य को लेकर लक्ष्य निर्धारित करें और उसे प्राप्त करने के लिए कोशिश करते रहे।

इस बीच बच्चों को माइक मिला तो उन्होंने खुलकर अपनी बातों को एसपी से साझा किया। एसपी आशीष तिवारी ने कहा कि जौनपुर में उनकी पहली पुलिस पाठशाला है। इससे पहले वाराणसी, मिर्जापुर, एटा जिले में वह तकरीबन 115 पाठशालाएं स्कूलों में जाकर कर चुके हैं। उन्हें छात्रों से लगाव है। वह खुद एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने कहा कि देश में जितनी प्रतिभाएं आज समाज के लिए उदाहरण हैं। उनमें अधिकतर लोग छोटे परिवारों और गांवों से ही निकलकर आए हैं।

दुनिया में जो जैसा एनर्जी देता है। उसे वापस वैसा ही मिलता है। एसपी ने कहा कि जीवन मोबाइल गेम की तरह है। जैसे मोबाइल पर गेम खेलने में रूचि पैदा होती है। वैसे ही शिक्षा के क्षेत्र में सफलता हासिल होने पर और ऊंचाई प्राप्त करने की लालसा बढ़ती है। डा. कमर अब्बास ने कहा कि महिलाएं आज हर क्षेत्र में आगे निकल चुकी हैं। शिक्षा, खेल के साथ और वायुसेना में भी अपनी उपयोगिता साबित कर रही हैं।

अमर उजाला फाउंडेशन की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में जो छात्राएं हिस्सा ले रही हैं। उनकी नैतिक जिम्मेदारी है कि वह अपने पास पड़ोस की महिलाओं के साथ दूसरों लोगों को भी सुरक्षा के प्रति जागरूक करेंगी। पूर्वांचल विश्वविद्यालय के लॉ विभाग के पूर्व डीन डा. पीसी विश्वकर्मा ने नारी गरिमा साझा संकल्प पर बेटियों पर स्वनिर्मित गीत इज्जत हैं, आन बान हैं और शान बेटियां, हैं मां का दिल तो बाप की जान बेटियां सुनाकर सभी को ताली बजाने के लिए विवश कर दिया।

प्राचार्य डा. अब्दुल कादिर खां ने नारी शिक्षा और अधिकार पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन से महिलाओं में जागरूकता पैदा होती है। उन्होंने विद्यालय परिवार की तरफ से आभार जताया। इस मौके पर डा. शहनवाज, डा. कमरूद्दीन, डा. जीवन यादव, डा. ममता सिंह, मोहम्मद नासिर खां, अल्का गुप्ता, डा. शाहिदा परवीन, डा. प्रेम लता गिरी, डा. केके सिंह, डा. दयानंद उपाध्याय, डा. कमलेश यादव, डा. ज्ञान राज यादव, अब्बास आदि मौजूद रहे। संचालन सलमान शेख ने किया।

एसपी आशीष तिवारी ने छात्रों से रूबरू होकर उन्हें सफलता का पाठ पढ़ाया। उन्होंने अपने पहले सवाल में छात्रों से सफलता के सूत्र पूछे। जिसका जवाब कीर्ति साहू, अरसी और शिल्पा ने अपने-अपने ढंग से दिया। शिल्पा के जवाब पर वह काफी खुश हुए और उसे बुकें देकर सम्मानित किए। उन्होंने छात्रों से उनके लक्ष्य के बारे में पूछा। जिसका जवाब सरिता, अमिता विश्वकर्मा ने दिया। जवाब में टाइम मैनेजमेंट की बात कहने वाली छात्रा के बातों को सराहा। कहा कि जो परिश्रम करेगा वही सफलता भी प्राप्त करेगा।

छात्र दिव्यांशु सिंह ने पुलिस की कमियों को बताया। कहा कि चेकिंग के दौरान कहा जाता कि चालान का झंझट छोड़िए। सुविधा शुल्क देकर आगे बढ़िए। एसपी ने कहा कि पुलिस के प्रति अपनी सोच बदलें। पुलिस को लेकर जो नजरिया है, जो अपेक्षाएं हैं उसकी अन्य विभागों से तुलना करें। उन्होंने कहा कि अवैध खनन हो रहा है तो किसे फोन करेंगे। पेड़ कट रहा है तो किसे फोन करेंगे।

अवैध शराब बिक रही है, रोडवेज की बस की वजह से ट्रैफिक जाम है तो उसे किसे फोन करेंगे। क्या आपको इन विभागों का नंबर याद है। छात्रों ने नहीं में जवाब दिया। फिर उन्होंने कहा कि इसके लिए अलग अलग विभाग जरूर हैं लेकिन सूचनाएं लोग पुलिस को देते हैं। क्योंकि पुलिस अधिकारियों के नंबर जगह-जगह अंकित किए गए हैं। जो आसानी से लोग देखकर सूचना देते हैं। इन नंबरों पर सभी तरह की सूचनाएं आती रहती है और उन सूचनाएं के आधार पर प्रतिदिन 600 से 700 लोगों की मदद पुलिस ही करती है।

पुलिस का जॉब कठिन है। एसपी से छात्रा सुमन मौर्या, शक्ति सिंह, नेहा, हेमंत यादव आदि ने भी सवाल किए। एसपी ने खुद छोटे बच्चों को काम करता देख, घायल को सड़क पर देखकर क्या करना चाहिए पूछा। इसका सही जवाब देने पर उन्होंने पुरस्कृत भी किया।

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