अमर उजाला फाउंडेशन की ओर से सोमवार, 29 दिसम्बर, 2015 को बरेली के शांतिकुंज गर्ल्स इंटर कॉलेज में पुलिस की पाठशाला का आयोजन किया गया। पाठशाला में छात्राओं से रु-ब-रू हुए पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी, उन्होनें छात्राओं को जागरुक करते हुए कहा कि इंटरनेट के इस दौर में सावधान रहने की जरूरत है। सोशल मीडिया पर फर्जी आईडी बनाकर कई लोग धोखेबाजी कर रहे हैं। किसी अंजान से फेसबुक, व्हाट्स एप पर दोस्ती करना खतरनाक है। खासकर लड़कियों को इस मामले में सजग रहने की जरूरत है।
पुलिस क्षेत्राधिकारी चतुर्थ संतोष कुमार सिंह ने बच्चों से दोस्ती करने की पहल करते हुए यह भी कहा कि वर्दी वाले किसी दूसरे देश से नहीं आए हैं। हम भी आप लोगों के बीच से ही हैं। छात्राओं के सवालों के बीच में सीओ ने कहा कि अब हिंदुस्तान की पुलिस आजाद है। बहुत कुछ बदल गया है। जनता की ओर से चुनी हुई सरकार के आधीन रहकर ही पुलिस काम करती है इसलिए पुलिस से डरने की जरूरत नहीं है। थानों में आइए सभी का स्वागत है। उन्होंने कहा कि अपराध को छिपाना नहीं चाहिए। खासकर लड़कियों को चाहिए कि कोई भी उन्हें परेशान करे तो परिवार वालों को जरूर बताएं। हालांकि आबादी के हिसाब से पुलिस कर्मियों की संख्या बेहद कम है। इसके बाद भी हमारी कोशिश यही रहती है कि सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच जाए।
उन्होंने छात्राओं से कहा कि आपके आसपास कोई गलत काम हो रहा है तो पुलिस को जरूर बताएं। आपका नाम गोपनीय रखा जाएगा। इस मौके पर जिला पंचायत सदस्य राजकुमार सिंह यादव, चौबारी के प्रधान के पति राजीव कुमार सिंह, बुखारा के प्रधान कुसुमुद्दीन, चनहेटी के छोटेलाल, कांधरपुर के गंगा बिशन पटेल आदि का अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम में सरिता चंद, पुष्पा, निशा तिवारी, मोनिका आदि मौजूद रहीं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य राधिका चंद और संचालन विनोद कुमार शर्मा ने किया। सीओ ने ट्रैफिक नियमों का पालन करने को भी कहा। उन्होंने कहा कि अच्छे नागरिक ही अच्छे समाज और देश का निर्माण करते हैं इसलिए हमें छोटी-छोटी चीजों में खुद ही पहल करनी चाहिए। इंस्पेक्टर कैंट सूर्यनाथ सिंह यादव ने कहा कि पुलिस आपकी सेवा के लिए ही है। अपराधी सिर्फ तीन फीसदी लोग है। जनता का विश्वास जीतने के बाद ही पुलिस अपराधियों से ऐसे लड़ सकती है।
हेल्पलाइन पर मांगें मदद
इंस्पेक्टर सूर्यनाथ सिंह ने बताया कि किसी भी छात्र या छात्रा को कोई परेशानी हो तो वह 100 नंबर पर फोन कर सूचना दे सकते है। महिलाओं के लिए सरकार ने 1090 नंबर पर हेल्पलाइन खोल रखी है। यूपी में कहीं से भी कोई महिला फोन करती है तो पुलिस तुरंत मौके पर पहुंचकर उसकी मदद करेगी।
टॉपर्स को मिली साइकिल
बरेली। शांतिकुंज गर्ल्स इंटर कॉलेज में पुलिस की पाठशाला के कार्यक्रम में ही सीओ संतोष सिंह और अन्य मेहमानों ने हाईस्कूल की टॉपर सरिता कुमारी, इंटरमीडिएट की आर्ट की टापर ज्योति सागर और साइंस की टापर आसमा बी को साइकिल दी।
सवाल - प्रियंका श्रीवास्तव : कानून सबके लिए एक है तो बड़े लोग क्यों बच जाते हैं। पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई करने से क्यों डरती है। पुलिस वाले पर कानून लागू क्यों नहीं होता है?
जवाब - ऐसा नहीं है। तमाम बडे़ लोगों को पुलिस जेल भेजती है। जिसके खिलाफ सुबूत होगा वह बच नहीं पाता है। हर साल सैकड़ों पुलिस वालों पर कार्रवाई होती है, लेकिन यह हमारा आंतरिक मामला होता है, इसलिए सबको मालूम नहीं हो पाता है।
सवाल - पल्लवी : क्या अधिकारी महिला पुलिस कर्मियों को अपने दबाव में रखते हैं। उनका शोषण किया जाता है?
जवाब - पुलिस विभाग में तीस फीसदी महिलाओं की भर्ती होने लगी है। उन्हें भी वही अधिकार है जो पुरुष को होते हैं। हमारे यहां महिला सीओ भी हैं। किसी पर दबाव नहीं होता।
सवाल - पलक : हमारे गांव चौबारी में पुलिस आए दिन आती है, लेकिन किसी को पकड़ नहीं पाती है। ऐसा क्यों होता है?
जवाब - चौबारी में सटीक सूचना मिलने पर हमने रविवार की रात को ही खनन की तीन ट्राली पकड़कर दो लोगों को गिरफ्तार किया है। आज से आप पुलिस मित्र हो, सटीक सूचना मिलेगी तो चोर भी पकड़े जाएंगे।
सवाल - दीपा : कोचिंग से आते वक्त लड़के सीटी बजाकर पास से निकलते हैं। हम घर नहीं बताते क्योंकि डर रहता है कि कहीं परिवार वाले पढ़ाई न छुड़वा दें। अकेली लड़की विरोध करे भी तो कैसे?